नेताजी के प्रपौत्र ने रविवार को प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
एजेंसियां, कोलकाता
महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस के प्रपौत्र चंद्रकुमार बोस ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 18 अगस्त तक जापान के रेंकोजी से ‘नेताजी के अवशेष’ वापस लाने की अपील की. उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले पर केंद्र सरकार की ओर से एक अंतिम बयान आना चाहिए, ताकि नेताजी के बारे में ‘झूठी कहानियों’ पर विराम लग सके. बोस ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) नीत सरकार ने स्वतंत्रता सेनानी से संबंधित फाइलों को सार्वजनिक करने की पहल की.
उन्होंने कहा कि सभी ‘10 जांच-राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय’ की रिपोर्ट जारी करने के बाद यह स्पष्ट है कि ‘नेताजी की मौत 18 अगस्त 1945’ को ताइवान में एक विमान दुर्घटना में हुई थी. बोस ने रविवार को प्रधानमंत्री मोदी को लिखे एक पत्र में कहा : इसलिए यह जरूरी है कि भारत सरकार की ओर से अंतिम बयान दिया जाये, ताकि भारत के मुक्तिदाता के बारे में गलत बयानबाजियों पर विराम लग सके.उन्होंने कहा : मेरी आपसे 18 अगस्त 2024 तक रेंकोजी से नेताजी के अवशेष भारत वापस लाने की अपील है. भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के पूर्व उपाध्यक्ष चंद्र कुमार बोस ने कहा कि सार्वजनिक करने की प्रक्रिया ने गोपनीय फाइलों और दस्तावेजों को उजागर कर दिया है, ‘जो निर्णायक रूप से यह साबित करते हैं कि नेताजी की 18 अगस्त 1945 को हवाई दुर्घटना में मौत हुई थी.’ उन्होंने कहा कि नेताजी आजादी के बाद भारत लौटना चाहते थे, लेकिन लौट नहीं सके, क्योंकि उनकी हवाई दुर्घटना में मौत हो गयी थी. बोस ने कहा : यह अत्यधिक अपमानजनक है कि नेताजी के अवशेष रेंकोजी मंदिर में रखे हुए हैं.
उन्होंने कहा : हम पिछले साढ़े तीन साल से प्रधानमंत्री को पत्र लिखते रहे हैं कि भारत के मुक्तिदाता को सम्मान देने के लिए उनके अवशेष भारतीय सरजमीं पर लाये जायें.
बोस ने कहा कि नेताजी की बेटी अनिता बोस फाफ उनका अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार करना चाहती हैं.
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