Jharkhand News : लोकसभा में सोमवार को विपक्ष का हंगामा जारी रहा. इस बीच बीजेपी के एक सांसद ने झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि गत 27 जुलाई को झारखंड के पाकुड़ में कुछ आदिवासी छात्र अपनी समस्याओं को लेकर आंदोलन करना चाह रहे थे लेकिन राज्य पुलिस ने छात्रावासों में छात्रों को ‘बर्बरतापूर्ण’ तरीके से पीटा. उन्होंने दावा किया कि पुलिस की पिटाई के बाद दो छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए जबकि 11 अन्य छात्र विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं. घायलों की हालत भी बहुत गंभीर बनी हुई है.
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने घटना का संज्ञान लिया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बांग्लादेशियों को बसाने के लिए आदिवासियों को बर्बाद कर रही है. झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए.
घुसपैठियों का मुद्दा निशिकांत दुबे उठा चुके हैं निशिकांत दुबे
इससे पहले लोकसभा में पिछले गुरुवार को संताल परगना की बदल रही डेमोग्राफी, आदिवासियों की घटती जनसंख्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने उठाया था. शून्यकाल के दौरान झारखंड के गोड्डा से सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने कहा था कि साल 2000 में झारखंड गठन के वक्त संताल परगना में आदिवासियों की आबादी 36 फीसदी थी. वर्तमान में इनकी आबादी 26 प्रतिशत रह गयी है. 10 प्रतिशत आदिवासी कहां गायब हो गये. सदन कभी इसकी चिंता नहीं करता. इस दिशा में झारखंड सरकार खमोश बठी है और कोई कार्रवाई नहीं करती.
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आगे निशिकांत दुबे ने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठिये संताल परगना में आकरआदिवासी महिलाओं से शादी कर रहे हैं. यही नहीं, संताल परगना के साथ -साथ बिहार और पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ कर रहे हैं. इस वजह से मुस्लिम आबादी बढ़ रही है. इन इलाकों में हिंदुओं के गांव खाली होते जा रहे हैं. सांसद ने सदन में संताल परगना सहित बिहार के अररिया, किशनगंज, कटिहार और पश्चिम बंगाल के मालदा व मुर्शिदाबाद जिलों को मिला कर सरकार से अलग केंद्रशासित प्रदेश बनाने की मांग लोकसभा में की.