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गौरवशाली परंपरा को यादकर स्वयं में रो रहा है जिला स्कूल

गौरवशाली परंपरा को यादकर स्वयं में रो रहा है जिला स्कूल

विधान पार्षद ने सदन में उठायी जिला स्कूल की समस्या प्रतिनिधि, सहरसा जिला स्कूल में सुविधाओं का घोर अभाव सहित अन्य समस्याओं को लेकर क्षेत्रीय विधान पार्षद डॉ अजय कुमार सिंह ने विधान परिषद में मामला उठाया. उन्होंने कहा कि जिला स्कूल जो बीते वर्षों में बेहतरीन स्कूल में शुमार होता था, आज अपनी गौरवशाली परंपरा को यादकर स्वयं में रो रहा होगा. इस विद्यालय के छात्रावास से निकलने वाले सैकड़ों छात्र विश्व व भारत के महत्वपूर्ण ओहदों पर हैं एवं कई अवकाश प्राप्त हो गये हैं. एक साजिश के तहत जिला स्कूल छात्रावास को बंद कर दिया गया. उस भवन में किलकारी नामक संस्था का कार्यालय खोला गया. पिछली बार जब उन्होंने पूछा तो विभाग ने कहा कि भवन जर्जर हो गया था. उन्होंने कहा कि जब भवन जर्जर था तो किलकारी का ऑफिस कैसे खोला गया. किलकारी में अपेक्षाकृत छोटे बच्चे आते हैं. इस बार जबाव मिला कि बच्चे छात्रावास में रहने में अभिरूचि नहीं दिखा रहे थे. उन्होंने सदन में प्रश्न दुहराते कहा कि सवाल यह है कि किस उत्तर को सही मानें. जर्जर भवन या छात्र की छात्रावास में रहने की अभिरुचि नहीं. उन्होंने बताया कि सदन में छात्रावास फिर से शुरु करने के लिए जब अनुरोध कर रहा था तो जेहन में कई सवाल थे. जिस स्कूल से पढ़ा, अभिव्यक्ति, संस्कार सीखा, उसे खत्म करने की साजिश तो नहीं. उन्होंने कहा कि इस स्कूल ने उन्हें बहुत कुछ दिया. लेकिन जब स्कूल के अस्तित्व का सवाल है तो वे कब तक मौन रहेंगे. क्या यह सरकारी शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर निजी शिक्षण संस्थान को आगे बढ़ाने की साजिश है. उन्होंने कहा कि गरीब समाज के बच्चे कहां जायेंगे. वहीं जिला गर्ल्स हाईस्कूल की हालत भी खस्ता हो गयी है. सालों भर इसके मैदान में जल जमाव रहता है. बच्चे जो इन स्कूलों में पढ़े हैं उनकी ओर ये ऐतिहासिक भवन टकटकी लगाये देख रहा है.

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