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सदर में दिव्यांगों की जांच कर प्रमाण पत्र दिया गया

14851 लक्ष्य के आलोक में 10195 का प्रमाणपत्र बनाया गया है.

प्रत्येक माह के 03 ओर 28 तारीख को सदर अस्पताल में विशेष शिविर का आयोजन किया जाता है. -दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने को प्रखंडवार मेडिकल बोर्ड है गठित.

-14851 लक्ष्य के आलोक में 10195 का प्रमाणपत्र बनाया गया है. किशनगंज सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की अति महत्त्वाकांक्षी यूडीआईडी परियोजना के तहत सूबे में दिव्यांगजनों का कार्ड बनाया जा रहा है. जिलाधिकारी तुषार सिंगला के दिशा- निर्देश के आलोक में सभी प्रखंडों के वरीय पदाधिकारी यूडीआईडी कार्ड बनाने के लिए विभिन्न तरह के आयोजन कर अधिक से अधिक कार्डधारी दिव्यांगजनों को आधार से लिंक करने के लिए अपने-अपने प्रखंडों में ऑनलाइन कराना सुनिश्चित कर रहे हैं. जिसमे सदर अस्पताल में भी सोमवार को प्रमाण पत्र बनाने का कार्य किया गया. इस प्रमाण पत्र कार्यक्रम में डॉ टीए अंसारी, डॉ राहुल कुमार, डॉ स्वाति कुमारी एवं अविनाश राय, उदित कोऑर्डिनेटर उपस्थित थे.

दिव्यांगता जांच शिविर में 38 दिव्यांगों की जांच कर प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया

दिव्यांगता मेडिकल बोर्ड के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ राहुल कुमार ने बताया कि 28 तारीख को सार्वजनिक अवकाश रहने के कारण 29 जुलाई सोमवार को सदर अस्पताल में दिव्यांगता जांच शिविर में 53 दिव्यांगों की जांच की गई. जिसमें 38 को प्रमाणपत्र भी प्रदान किया गया है. यह आयोजन सिविल सर्जन की देखरेख में किया गया है. गौरतलब हो कि नाक,कान, गला, मूक -बधिर एवं मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चे का अपने सम्बंधित रोग का एमजीएम मेडिकल कॉलेज से जांच कराकर जांच रिपोर्ट दिव्यांग आवेदन के साथ संग्लन करना आवयश्क है.

दिव्यांगता प्रमाणपत्र के साथ प्रमाणपत्र का नवीकरण का कार्य भी किया गया

वीबीडीसी सलाहकार अविनाश रॉय ने बताया कि जिनका दिव्यांग प्रमाणपत्र नहीं बना है अथवा नवीकरण की आवश्यकता है, जिन दिव्यांग बच्चों का दिव्यांगता प्रमाणपत्र है, उसे कैंप में ले जाने की आवश्यकता नहीं है. दिव्यांग के प्रमाणपत्र के साथ यूनिक डिसेबिलिटी आइडेंटी कार्ड भी जारी किया गया. कुछ आवश्यकता वाले दिव्यांग बच्चों का भी प्रमाण पत्र और यूनिक डिसेबिलिटी आइडेंटी कार्ड बनाने को प्राथमिकता दी गयी. बौद्धिक अक्षमता विशिष्ट अधिगम, दिव्यांगता एवं ऑटिज्म का भी प्रमाणपत्र और यूडीआईडी बनाने का विशेष ख्याल रखा गया.

14851 दिव्यांगजनों का यूडीआईडी कार्ड बनाने के लक्ष्य के आलोक में 10195 का प्रमाणपत्र बनाया गया है

सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि जिले के सभी दिव्यांगजनों का ऑनलाइन दिव्यांगता प्रमाणीकरण सुनिश्चित करने के लिए यूडीआईडी कार्ड निर्गत किया जाना है. विदित हो कि 14851 दिव्यांगजनों का यूडीआईडी कार्ड बनाने के लक्ष्य के आलोक में 10195 का प्रमाणपत्र बनाया गया है , विभाग द्वारा जारी ऑफलाइन दिव्यांगता प्रमाण पत्र राज्य में मान्य नहीं है. इसको ऑनलाइन सत्यापित करना अनिवार्य है. ऑफलाइन दिव्यांगता प्रमाण पत्र को ऑनलाइन नहीं होने के कारण यूडीआईडी कार्ड के अभाव में दिव्यांगजन सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं. जिले के सभी प्रमाणीकृत दिव्यांगजनों का शतप्रतिशत यूडीआईडी कार्ड बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

यूडीआईडी कार्ड को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया में आई तेजी: सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि यूडीआईडी कार्ड बनाने के लिए प्रतिदिन कार्य किया जा रहा है. अभी तक जिनलोगों का यूडीआईडी कार्ड बन गया है लेकिन आधार से जोड़ा नहीं गया, उसको जोड़ने का कार्य तेजी के साथ किया जा रहा है. जिनका कार्ड नहीं बना है, उनलोगों को निम्नलिखित दस्तावेज को अपने साथ लाना पड़ेगा. जिसमें मुख्य रूप से दिव्यांगता प्रमाणपत्र, आधार कार्ड या आवासीय प्रमाणपत्र, पहचानपत्र, फोटो के साथ उनकी विवरणी, आवासीय एवं पहचानपत्र से संबंधित भारत सरकार या बिहार सरकार द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र जैसे: मतदाता पहचान पत्र, विद्यालय पहचानपत्र, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार, पैन कार्ड, पासपोर्ट, बैंक पासबुक इत्यादि सक्षम पदाधिकारी द्वारा निर्गत प्रमाणपत्र मान्य होगा.

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