सीवान: सीएमआर (चावल) नहीं जमा करने वाली क्रय समितियों पर अब कार्रवाई तय मानी जा रही है. सरकार ने क्रय समितियों को चावल जमा करने के लिए 31 जुलाई तक की मोहलत दी है. ऐसे में इन समितियों के पास चावल जमा करने के लिए मात्र दो दिन का समय शेष है. तीन प्रखंडों में सबसे अधिक 50 लॉट सीएमआर फंसे हुआ हैं. दरौंली प्रखंड में 18.44 लॉट, दरौंदा प्रखंड में 16.73 लॉट और भगवानपुरहाट में 15.52 लॉट शामिल है. अगर समितियां निर्धारित समय के अंदर धान मीलिंग कराकर सीएमआर चावल बिहार राज्य खाद्य निगम को जमा नहीं करती है तो पैक्स के पदधारक पर दंडात्मक और प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारियों पर अनुशासनिक कार्रवाई होगी. साथ ही पैक्स के पदधारकों को चुनाव लड़ने से वंचित कर दिया जायेगा. अभी भी पूरे जिले में 199 पैक्स के पास सीएमआर पेंडिग है. जहां 101 पैक्स में एक-एक लॉट, 72 पैक्स में दो-दो लॉट, 24 पैक्स में तीन-तीन लॉट और दो पैक्स में चार-चार लॉट अभी भी फंसा हुआ है. बताते चले कि 247 क्रय समितियों ने 7839 किसानों से 43712.285 एमटी धान की खरीद की थी. खरीदे गये धान के बदले मीलिंग कराकर सीएमआर 29724 एमटी एसएफसी के क्रय केंद्रों पर उपलब्ध कराना था. क्रय समितियों के पास अभी तक करीब 4139 एमटी सीएमआर बकाया है. समितियों ने 25585.11 एमटी चावल एसएफसी के क्रय केंद्रों पर जमा करा सके है. सीएमआर आपूर्ति का जेआर ने की समीक्षा, दिया निर्देश शहर के कचहरी कैंप स्थित दी सीवान सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के सभाकक्ष में सोमवार को सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक की गयी. जिसमें सारण प्रमंडल के संयुक्त निबंधक सहयोग समितियां सैयद मसरूक आलम ने धान अधिप्राप्ति वर्ष 2023-24 में पैक्स द्वारा किसानों से खरीदे गये धान के समतुल्य सीएमआर आपूर्ति को लेकर समीक्षा की. उन्होंने जिला सहकारिता पदाधिकारी, सभी बीसीओ द्वारा दी गयी पैक्स वार रिपोर्ट के आलोक में 31 जुलाई तक हर हाल में एसएफसी को उपलब्ध कराने की हिदायत दी.उन्होंने कहा कि तिथि समाप्त होने पर सीएमआर नहीं देने वाले समितियों पर दंडात्मक व बीसीओ पर अनुशासनिक कार्रवाई होगी. उन्होंने पैक्स निर्वाचन 2024 के लिये प्रखंड वार सभी बीसीओ से पैक्स द्वारा बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार को प्रस्ताव समर्पित करने की समीक्षा की. बताया गया कि 218 समितियों में चुनाव होना है. अभी 202 का प्रस्ताव भेजा गया है. शेष 16 समितियों का प्रस्ताव अविलंब भेजने का निर्देश सभी संबंधित बीसीओ को दिया गया. को-ऑपरेटिव बैंक द्वारा वितरित कृषि ऋण की वसूली के लिये बीसीओ को शाखा प्रबंधक के साथ अपनी भागीदारी करते हुए वसूली कराने का निर्देष दिया. उन्होंने पैक्स कम्प्यूटराइजेशन व किसान उत्पादक संगठन के गठन पर विशेष जोर देते हुए डीसीओ व बीसीओ को निर्देश दिया. मौके पर कोऑपरटिव बैंक के एमडी सौरभ कुमार, डीसीओ सुमन कुमार सिंह, प्रशासी पदाधिकारी आलोक कुमार वर्मा सहित सभी बीसीओ मौजूद थे.
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