राजपुर . प्रखंड के मध्य विद्यालय इंटवा में पिछले कई सप्ताह से भूमिगत जलस्तर काफी नीचे हो जाने से चापाकल से पानी नहीं निकल रहा है. पानी नहीं होने से स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी हो रही है.सबसे अधिक परेशानी मध्यान भोजन करने के बाद हाथ धोने एवं पानी पीने के लिए हो रही है.इस समय दर्जनों की संख्या में छात्र रोड को पार कर रविदास मंदिर के परिसर में जाते हैं. जिससे कभी भी हादसा होने की संभावना बनी रहती है. पेयजल की गंभीर समस्या को लेकर पिछले एक सप्ताह से विभिन्न गांव के ग्रामीण अपनी आवाज उठा रहे हैं.फिर भी समस्या का निदान नहीं हो रहा है. हालांकि जिलाधिकारी का फरमान था कि जिस गांव में चापाकल खराब है. उसे मरम्मत कर समस्या का निदान किया जाए. फिर भी लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के कर्मी सूचना के बाद भी संबंधित स्थल पर पहुंचकर समस्या का निराकरण नहीं कर रहे हैं. इससे नाराज इस गांव के ग्रामीण गोरख राय, जितेंद्र साह, श्रीराम कुमार ,रामबली ,मनाकाराम, सिद्धनाथ यादव ,साधु शरण प्रजापति, विश्वामित्र राम, अवध बिहारी चौबे, हरिद्वार राम, भागवत राजभर, अंकित कुमार के अलावा अन्य ग्रामीणों ने विद्यालय में पहुंचकर विद्यालय प्रधानाध्यापक से समस्या का समाधान करने की बात कही.इसको लेकर प्रधानाध्यापक धनंजय गोपाल के नेतृत्व में घंटे भर चली बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया कि इसकी सूचना विभाग को दिया जाए.इसके लिए इन्होंने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी समग्र शिक्षा अभियान बक्सर को लिखित आवेदन देकर अवगत कराया कि मध्य विद्यालय ईटवा में समरसेबल तथा पानी टंकी की व्यवस्था किया जाए. समस्या से प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एवं अन्य वरीय पदाधिकारी को भी अवगत कराया गया. जिन्होंने पेयजल की गंभीर समस्या को स्वीकार करते हुए कहा की समस्या आ रही है. खीरी मदरसा विद्यालय में पानी नहीं होने से विद्यालय के बच्चे धर्मावती नदी किनारे पहुंचकर हाथ धो रहे हैं. यह भी एक खतरे का संकेत है. इसके अलावा क्षेत्र के उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय मंगराव में भी पेयजल की काफी गंभीर समस्या है. यहां लगभग क्षेत्र के आधा दर्जन गांव के बच्चे पढ़ने आते हैं. जहां लगभग एक हजार से अधिक छात्र-छात्राओं की संख्या है. इस विद्यालय परिसर में समरसेबल है. बिजली विभाग के तरफ से इन दिनों समय पर बिजली नहीं मिलने से पेयजल की समस्या बनी रहती है. विद्यालय परिसर में लगा चापाकल भी पूरी तरह से फेल है.यहां भी पढ़ने वाले छात्रों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. छात्र विद्यालय के आसपास किसी घरों के नजदीक पहुंचकर पानी पीने का प्रयास करते हैं. वहां भी छात्रों को कोपभाजन का शिकार होना पड़ता है.
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