औरंगाबाद शहर. कृषि यांत्रिकरण राज्य योजना 2024-25 अंतर्गत कृषि विभाग द्वारा गुणवत्तापूर्ण आधुनिक कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जा रहा है. इससे किसान ससमय शष्य क्रियाओं का निबटारा कर सकेंगे. योजना के तहत उत्पादन में वृद्धि लाने के लिए यंत्रों पर अनुदान दिये जाने के फलस्वरूप उत्पादन लागत में कमी आयेगी तथा उत्पाद की गुणवत्ता भी बढ़ेगी. कृषि यांत्रिकरण को बढ़ावा देने के लिए सोमवार को जिला स्तरीय दो दिवसीय कृषि यांत्रिकरण मेला का आयोजन जिला कृषि कार्यालय आयोजन किया गया. मेला का उद्घाटन जिला पर्षद अध्यक्ष प्रमिला देवी व जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया. मेले में आधुनिक कृषि यंत्र जैसे राउंड बेलर, जीरो टिलेज, रोटावेटर, पैडी थ्रेसर, मल्टीक्रॉप थ्रेसर, पावर टीलर, पावर वीडर, फ्लोर मिल, पावर स्प्रेयर, इलेक्ट्रिक पंपसेट, एचडीपी लैमिनेटेड वुवन ले फ्लैटटयूब (100 मी तक), राइस मिल कम पल्वेराईजर, मैनुअल कीट (खुरपी, कुदाल, हसिया) आदि किसानों द्वारा यंत्रों का मूल्यांकन कर खरीदारी की गयी. इस मेले में संयुक्त रूप से चयनित किसानों को कस्टम हायरिंग सेंटर, स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर तथा सेल्फ प्रोपेल्ड रीपर की चाबी दी गयी. साथ ही किसानों का मंच से स्वायल हेल्थ कार्ड भी दिया गया. मेले में 33 लाख 80 हजार रुपये का अनुदान के लिए किसानों द्वारा विभिन्न यंत्रों का क्रय किया गया. मेले में कृषि विभाग के पदाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, कृषि समन्वयक, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक, सहायक तकनीकी प्रबंधक एवं किसान सलाहकार उपस्थित थे. डीएओ ने सरकार द्वारा संचालित योजनाओं पर वृहद चर्चा की व किसानों को जलवायु परिवर्तन को देखते हुए मोटे अनाज की खेती पर विशेष जोर दिया. सहायक कृषि अभियंत्रण द्वारा आधुनिक कृषि यंत्रों की तकनीकी जानकारी किसानों को दी. कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक ने किसानों को खरीफ मौसम में लगने वाले फसल की वैज्ञानिक जानकारी व फसल पर लगने वाले कीट व्याधी एवं उसकी रोकथाम की जानकारी विस्तृत रूप से दी. इसी प्रकार सहायक निदेशक, उद्यान, सहायक निदेशक रसायन (मिट्टी जांच प्रयोगशाला) एवं सहायक निदेशक, पौधा संरक्षण द्वारा भी अपने-अपने विभाग से संचालित योजनाओं की जानकारी दी गयी. कृषि रोडमैप के अंतर्गत कृषि यांत्रिकरण कार्यक्रम के अधीन राज्य के कृषि यंत्र निर्माताओं को गुणवत्तापूर्ण कृषि यंत्रों के निर्माण हेतु प्रोत्साहित करने के लिए 10 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान किसानों को दिया जायेगा. साथ ही अत्यंत पिछड़ा वर्ग के कृषकों को अनुसूचित जाति-जनजाति के समान अनुदान देय होगा. कृषि यांत्रिकरण योजना में पारदर्शिता लाने एवं जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन लेने, आवेदन का सत्यापन करने, किसानों को ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से स्वीकृति पत्र निर्गत करने तथा अनुदान भुगतान की व्यवस्था किये जाने की बात कही गयी.
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