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चतुर्थवर्गीय कर्मियों को पदोन्नति प्रभार दिये जाने की मांग को लेकर मिथिला विवि में तालाबंदी

26 जुलाई से चल रहे अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण सोमवार को भी दिनभर कामकाज ठप रहा.

दरभंगा. लनामिवि में लनामिवि कर्मचारी संघ से जुड़े शिक्षकेतर कर्मचारियों का 26 जुलाई से चल रहे अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण सोमवार को भी दिनभर कामकाज ठप रहा. आंदोलन में सोमवार से विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय प्रक्षेत्रीय कर्मचारी महासंघ भी शामिल हो गया है. इस कारण विश्वविद्यालय से लेकर महाविद्यालय तक कामकाज ठप हो गया है. बिहार राज्य विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षकेत्तर कर्मचारी महासंघ के लनामिवि प्रक्षेत्र ने कल 30 जुलाई से अनिश्चित कालीन हड़ताल की घोषणा की है. ऐसे में स्नातक प्रथम सेमेस्टर का कालेजों मे होने वाले नामांकन पर भी प्रतिकूल असर पड़ना तय बताया जा रहा है. चतुर्थवर्गीय कर्मियों को पदोन्नति प्रभार दिये जाने की मांग को लेकर आंदोलन किया जा रहा है. सोमवार को धरना कार्यक्रम में बिहार राज्य विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष शंकर यादव, प्रक्षेत्रीय अध्यक्ष अशोक कुंवर, मंत्री विनय कुमार झा, जिला मंत्री राधेश्याम झा, शम्भू ठाकुर, सतीश कुमार, देवेन्द्र झा, अनुपम कुमार झा, मो. आले , राघवेन्द्र पाठक, शैलेन्द्र सिंह, परिमल कुमार, संजय श्रेष्ठ, कुमार राजश्री, अशोक कुमार अरविंद, राजेश सहनी, चन्द्र कांत चौधरी, लीला कुमारी, विकास कुमार, वरूण मिश्रा, शंकर पासवान, अमृत नाथ झा, रामसेवक भारती, मनीष कुमार, विरेंद्र प्रसाद, निरेन्द्र कुमार, गोपाल सिंह, अजय कुमार अजय, ब्रह्मचारी प्रसाद आदि शामिल हुये. कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन आंदोलन के कारण विवि मुख्यालय में अधिकारी नहीं पहुंच रहे हैं. बता दें कि आंदोलनकारी विश्वविद्यालय में पूर्ण तालाबंदी कर रखे हैं. आंदोलनस्थल पर ही कर्मचारी डेरा डाले हैं. आंदोलनकारियों ने डाटा सेंटर तथा सीइटी बीएड कार्यालय में भी कामकाज ठप करा रखा है. इससे विश्वविद्यालय की गतिविधि पूरी तरह से चौक हो गयी है. विभिन्न प्रकार का प्रमाण पत्र लेने, लंबित रिजल्ट संशोधित कराने, अंकपत्र, प्रवेश पत्र, पंजीयन प्रमाण पत्र आदि में सुधार कराने जैसे काम के लिए दूरदराज से आने वाले जरूरतमंद छात्र- छात्रा दिनभर परेशान रहते हैं. उनका कोई काम नहीं हो रहा है. परीक्षा विभाग से जुड़े कर्मचारियों से संबंधित काम के लिये उम्मीद भरे लहजे में छात्र पूछते रहते हैं कि सर कब विवि खुलेगा, कब काम होगा. सबको एक ही जबाव मिल रहा है कि हड़ताल समाप्त होने पर ही काम हो सकेगा. सबसे ज्यादा परेशान वैसे लोग हैं, जिन्हें सरकारी एवं गैरसरकारी नौकरी में प्रमाणपत्र जमा करना है. उन्हें प्रमाण पत्र निर्गत नहीं हो पा रहा है. यही स्थिति उन छात्रों की भी है, जिनको अन्य विवि अथवा कालेजों ने कागजात जमा करने के लिये एक सप्ताह या 15 दिनों का समय मांग दे रखा है. स्नातक प्रथम सेमेस्टर में 29 जुलाई तक का समय था. जिन छात्रों का रिजल्ट लंबित था, हड़ताल के कारण रिजल्ट में सुधार नहीं होने से सेकेंड सेमेस्टर में कई का नामांकन नहीं हो पाया. डिग्री थ्री के छात्रों की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है. कला संकाय से जुड़े विषयों का रिजल्ट हड़ताल के कारण जारी नहीं हो सका है. परीक्षा नियंत्रक प्रो. विनोद कुमार ओझा ने बताया कि हडताल के कारण विवि बंद रहने से वैकल्पिक व्यवस्था के तहत सभी कार्यों को निष्पादित कर पाना संभव नहीं है. बावजूद परीक्षा विभाग प्रयासरत है कि छात्रों की परेशानी को कम किया जा सके. इसके लिए विवि के पोर्टल पर परीक्षा विभाग से जुड़ा तीन इमेल आइडी दिया गया है. इसके माध्यम से डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन तथा शिकायतों का ऑनलाइन समाधान शुरू कर दिया गया है.

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