समस्तीपुर : अपने अनियमित जीवन शैली व खानपान में गड़बड़ी के कारण जिले में युवा वर्ग तेजी से मधुमेह के शिकार हो रहे हैं. सदर अस्पताल के ओपीडी में हो रहे मधुमेह जांच से इसका खुलासा हुआ है. ओपीडी में इलाज के लिये आने वाले मरीजों का इलाज से पहले उनका शुगर लेबल जांच कराया जाता है. इसके लिये ओपीडी में नि:शुल्क जांच की व्यवस्था की गयी है. जांच के दौरान पाया गया है कि 20 से 30 वर्ष के तकरीबन 40 प्रतिशत मरीज ब्लड शुगर से ग्रसित हैं, वहीं 30 से 50 वर्ष के 60 से 80 प्रतिशत मरीज ब्लड शुगर के शिकार हैं. हालांकि सदर अस्पताल में इलाज के आने मरीजों को शुगर जांच के बाद उन्हें इससे बचने के टिप्स भी बताये जाते हैं, उन्हें पंफलेट भी दिये जाते हैं, ताकि वे इसका अध्ययन कर अपनी दिनचर्या और खानपान का दुरुस्त कर सकें. डॉक्टर की मानें तो आनुवांशिक कारणों के अलावा अनियमित दिनचर्या और खानपान के कारण लोग कम उम्र में बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. समय पर जांच नहीं कराने के कारण आधे लोगों को पता नहीं चल पाता है कि वे डायबिटिक हैं. डॉक्टर का कहना है कि देर से इलाज शुरु होने पर स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याएं बढ़ जाती है. डॉक्टर के मुताबिक डायबिटीज होने पर शरीर में कई तरह के लक्षण दिखने लगते हैं. रात को बार-बार पेशाब लगना, मुंह सूखना, बार-बार प्यास लगना, पैर में झुनझुनी आना, चक्कर आना, कमजोरी, अचानक वजन कम होने जैसी समस्याएं आने लगती हैं.
सदर अस्पताल के ओपीडी में दिये जा रहे ये टिप्स
ओपीडी में जांच के दौरान शुगर के मरीजों को खानपान व जीवन शैली को लेकर कई टिप्स दिये जाते हैं. उन्हें पंपलेट भी दिये जाते हैं. टिप्स के तहत सुबह 5 बजे से 7 बजे के बीच हल्का गुनगुना पानी, नींबु पानी, सादा पानी, चाय बिना शक्कर के, दो पीस आरारोट वाला बिस्कुट, सुबह का नाश्ता 7.30 बजे से 9:30 बजे के बीच दो रोटी, हरी सब्जी-200 ग्राम, 150 ग्राम दही, या सत्तू का घोल एक ग्लास 250 मिली या चूड़ा का पोहा-200 ग्राम, या दलिया-200 ग्राम, ओट-150 ग्राम, सुबह 11 बजे से 11:30 बजे के बीच अंकुरित चना, मूंग एवं गेहूं-200 ग्राम मिक्सड, फल-250 ग्राम, जिसमें अमरूद, सेब, बेर, जामुन आदि शामिल किये जा सकते हैं. दिन का खाना 1 बजे से 2 बजे के बीच चावल-150 ग्राम, रोटी-2, पकी दाल-200 ग्राम, हरी सब्जी-200 ग्राम, सलाद जिसमें गाजर, मूली, टमाटर, प्याज, खीरा,नींबु आदि हो, दही का रायता या दही-150 ग्राम, शाम 4 से 6 बजे के बीच सूखा भूंजा-100 ग्राम या दो पीस शुगर फ्री बिस्किट, रात्रि का खाना 8 से 9 बजे के बीच – दो रोटी, 150 ग्राम दाल, 150 ग्राम सब्जी, सोने से पहले 150 मिली दूध बिना क्रीम वाला. मांसाहारी भोजन सप्ताह में एक दिन, 150 ग्राम चिकेन या 200 ग्राम मछली या दो अंडा ले सकते हैं.डायबिटीज को हल्के में नहीं लें
डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है. इसके हल्के में नहीं लेना चाहिये. यह आगे चलकर कई शरीर में कई तरह की परेशानियां उत्पन्न कर सकता है. लीवर, किडनी, नर्व, आंख सहित कई अंगों को क्षति पहुंचा सकता है. लाइफ स्टाइल में तेजी से हो बदलाव व अनियमित खानपान के कारण लोग तेजी से डायबिटीज के शिकार हो रहे हैं. 30 वर्ष के ऊपर के हर किसी को साल में एक बार डायबिटीज का टेस्ट कराते रहना चाहिये. अपनी दिनचर्या को ठीक रखें, नियमित व्यायाम करें. खानपान का ध्यान रखें. सुबह समय से उठने की आदत डालें.जंक फूड, चाकलेट, पिज्जा, बर्गर जैसे चीजों को खाने से परहेज करें. फाइबर युक्त भोजन, हरी सब्जी, मौसमी फल का नियमित रूप से सेवन करें. डॉ. साक्षी सुमन, एनसीडी, सदर अस्पताल, समस्तीपुरडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है