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जल निकासी की समस्या को लेकर स्थानीय लोग परेशान

जल निकासी व्यवस्था गलत होने से हो रही परेशानी, अधिकारियों के लापरवाह होने का लगाया आरोप

बांकुड़ा. बारिश के चलते शहर के दुर्लभपुर चौराहे पर बाढ़ जैसी स्थिति तैयार हो जाती है. पिछले पांच वर्षों से यही स्थिति देखी जा रही है. आरोप है कि पंचायत या प्रखंड अथवा संबंधित जिला पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी लोगों की समस्याओं की सुध नहीं ले रहे हैं. दुर्लभपुर ट्रेडर्स एसोसिएशन, यात्रियों और मोड़ के कुछ व्यापारियों को परेशानी हो रही है. यात्री बस गंदे कीचड़ पर खड़े होने को मजबूर होती हैं. यात्रियों को इस पर पैर रखकर चलना पड़ता है. वहीं जिन व्यापारियों ने वहां दुकानें लगायी हैं उनकी दुकानों पर ग्राहक नहीं आ रहे हैं. वहीं दूसरी ओर घरेलू नालियों का पानी बाहर चला जाता है या गंदा पानी वापस उनके घर के अंदर आ जाता है. पीड़ितों की शिकायत है कि पंचायत और पंचायत समिति के अधिकारियों ने भी मदद नहीं की. दुर्लभपुर मोड़, बांकुरा-रानीगंज राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 60 और दुर्लभपुर-बाराजोरा औद्योगिक गलियारे के चौराहे पर एक व्यस्त आबादी वाला क्षेत्र है. मोड़ के बगल में पूर्वी भारत का सबसे बड़ा डीवीसी का मेजिया थर्मल पावर प्रोजेक्ट है. दोनों सड़कें तो बहुत ही चमकदार तरीके से बनाई गयी हैं लेकिन औद्योगिक गलियारे के एक तरफ बनी विशाल जल निकासी खाई को लोक निर्माण विभाग द्वारा विपरीत दिशा में डाल दिया गया है. नतीजतन, बारिश का पानी और घरेलू पानी, बाहर निकलने की बजाय सड़कों पर जमा हो रहा है. आगे जागृत कालीमंदिर है. यहां चाय की दुकानें, किराने की दुकानें, फोटो स्टूडियो, हार्डवेयर आदि की दुकानें हैं. पानी की समस्या से पीड़ित व्यवसायी गोपाल चट्टराज की शिकायत है कि समस्या के समाधान के लिए कोई आगे नहीं आया. ये जमा हुआ पानी सिर्फ बारिश का पानी नहीं है. घरों के शौचालयों का पानी बाहर नहीं निकल रहा है. जमा हुआ पानी मानसून के पानी से मिलकर तालाब बन गया है. ग्राहक गंदा पानी होने के चलते दुकान में नहीं आना चाहते. हालांकि भक्त इसी पानी में पैर डुबोकर मां के मंदिर तक जाने को मजबूर हैं. नित्यानंद बनर्जी एक किराना व्यापारी हैं. वह कहते हैं उनकी यहां 60 साल से अधिक समय से दुकान है. नयी सड़क बनने के बाद से यही स्थिति है. उन्होंने दावा किया कि औद्योगिक गलियारे और राष्ट्रीय राजमार्ग के बीच का डिवाइडर ऐसे स्थान पर बनाया गया है. जहां वाहन नहीं मुड़ सकते. कई बार डिवाइडर से टकराकर वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं. यही स्थिति डीवीसी कॉलोनी हाउसिंग के सामने लागापाड़ा बाजार की भी है. औद्योगिक गलियारे के इस बाजार के अंदर बना जल निकासी नहर का ढलान भी पुलिया की विपरीत दिशा में है. निवासी सुजीत अगस्ती, सुशील मंडल ने शिकायत की कि नाली विपरीत ढलान पर जहां समाप्त होती है, वहां कंक्रीट से अवरुद्ध कर दिया गया है. इससे पानी नहीं निकलता. घूम कर घर में घुस जाता है. सभी संबंधित पक्ष यह जानते हैं लेकिन हर कोई उदासीन है. हालांकि, औद्योगिक क्षेत्र के तृणमूल नेता और गंगाजलघाटी पंचायत समिति के उपाध्यक्ष निमाई माजी ने कहा कि वह खुद इस विडंबना के शिकार हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने बीडीओ और संबंधित विभाग से इस मामले पर कार्रवाई करने को कहा है.

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