2022 में मामले को लेकर कोर्ट पहुंचे थे प्रोफेसर, हाइकोर्ट ने केंद्र सरकार को दिया नौ अगस्त तक का अल्टीमेटम
संवाददाता, कोलकाताविश्वभारती विश्वविद्यालय के फिजिक्स विभाग के अध्यक्ष प्रो. मानस माइती को रिसर्च कार्य के लिए केंद्र सरकार से अविलंब रुपये जारी करने का निर्देश कलकत्ता हाइकोर्ट ने दिया. प्रेस्टिजियस सर्न परियोजना में रिसर्च से जुड़े अध्यापक माइती को एक बार निलंबित कर दिया गया था. इसके बाद से ही केंद्र सरकार ने रिसर्च के लिए राशि भेजना बंद कर दिया था. बाद में अदालत के निर्देश पर निलंबन वापस ले लिया गया, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से रिसर्च के लिए रुपये मिलना अब भी बंद है. सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश अमृता सिन्हा ने केंद्र सरकार से अविलंब रिसर्च कार्य के लिए राशि जारी करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि अगले नौ अगस्त तक उनके बैंक अकाउंट में रुपये आ जाना चाहिये. केंद्रीय विज्ञान व तकनीक मंत्रालय व विश्वभारती को यह सुनिश्चित करना होगा. उन्होंने कहा कि यदि उक्त समय के भीतर रुपये उनके बैंक अकाउंट में नहीं आते हैं, तो मंत्रालय के अधिकारियों को वर्चुअल माध्यम से अदालत में हाजिर होना पड़ेगा. बता दें कि पूर्व वीसी विद्युत चक्रवर्ती के समय विभिन्न तरह के आरोप लगा कर प्रोफेसर को निलंबित कर दिया गया था. सर्न परियोजना में रिसर्च के लिए बुलावा आने के बाद भी उन्हें अनुमति नहीं मिली थी. पूर्व वीसी ने इस काम से अध्यापक को अलग करने के लिए परियोजना से जुड़े अधिकारियों को चिट्ठी भी लिखी थी. वर्ष 2022 में अध्यापक माइती मामले को लेकर हाइकोर्ट पहुंचे. उस समय अदालत ने उनका निलंबन वापस लेने का निर्देश दिया था. वह इस परियोजना से जुड़ सके, इसके लिए कदम उठाने को कहा था. लेकिन अब तक मामला पूरी तरह से नहीं सुलझ पाया था.
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