लखनऊ: यूपी में लव जिहाद, नाबालिग और एससी-एसटी का धर्म परिवर्तन कराने पर नए प्रावधान में सजा को बढ़ा दिया गया है. अब इन अपराधों में उम्र कैद की सजा और पांच लाख रुपये जुर्माना देना होगा. इससे संबंधित उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक विधानसभा (UP Vidhansabha Satra) में पास कर दिया गया. लव जिहाद से संबंधित विधेयक यूपी सरकार 2021 में लाई थी. इसमें संशोधन करके सजा और जुर्माने को बढ़ाया गया है.
बढ़ाई गई सजा और जुर्माना
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने विधेयक पेश करते हुए जानकारी दी थी कि 2021 के इस अधिनियम में जुर्माना और दंड की राशि में परिवर्तन करना जरूरी हो गया है. नए संशोधन के अनुसार धोखे, बहला-फुसला कर धर्म परिवर्तन कराने, शादी करने पर 3 से 10 साल की सजा और 25 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है. अवैध ढंग से सामूहिक धर्म परिवर्तन कराने पर 7 से 14 साल की सजा और एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है. यदि किसी नाबालिग महिला, एससी या एसटी के खिलाफ अपराध किया जाएगा तो 5 से 14 साल की सजा और एक लाख रुपये जुर्माना होगा.
धर्म परिवर्तन के लिए विदेश फंडिंग पर 14 साल की सजा
इसके अलावा धर्म परिवर्तन के लिए विदेशी या किसी अवैध संस्था से फंडिंग होने पर 7 से 14 साल की सजा और 10 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है. दिव्यांग, मानसिक दुर्बल को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन करने पर 5 से 14 साल तक जेल की सजा होगी. साथ में एक लाख रुपये जुर्माना भी देना होगा. नाबालिग, महिला की तस्करी पर उम्र कैद का प्रावधन किया गया है. जुर्माने की राशि कोर्ट तय करेगी. सभी अपराध गैर जमानती होंगे.
कोई भी करा सकेगा एफआईआर
धर्मांतरण मामले में अब कोई भी व्यक्ति एफआईआर करा सकता है. पहले पीड़ित व्यक्ति, उसके माता-पिता या भाई-बहन का होना जरूरी था. लव जिहाद पर रोक लगाने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने नवंबर 2020 में अध्यादेश जारी किया था. इसके बाद 2021 में इसे कानूनी मान्यता मिली थी. अब इसमें संशोधन किया जा रहा है.
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