Piyush Goyal: फसलों पर मिलने वाली न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी गारंटी देने के मामले पर राजनीति जारी है. कुछ दिन पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रदर्शन कर रहे किसानों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर इस न्यूनतम समर्थन मूल्य काे कानूनी देने की मांग का समर्थन किया था. वहीं बजट पर चर्चा के दौरान बोलते हुए भी राहुल गांधी ने कहा कि इंडिया गठबंधन की सरकार बनने पर न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी गारंटी देने का वादा पूरा किया जायेगा. राहुल गांधी के बयान पर सरकार की ओर से कहा गया है कि कांग्रेस इस मामले में किसानों को गुमराह कर रही है. सरकार हमेशा प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बातचीत के लिए तैयार रहती है. केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि किसानों के लिए सरकार का दरवाजा हमेशा खुला हुआ है. सरकार किसानों की हर मांग पर विचार करने के लिए तैयार है और इसके लिए संवाद होना चाहिए. हम चाहते हैं कि किसान बातचीत के लिए खुले मन से आगे आयें. हालांकि पीयूष गोयल ने कहा कि पंजाब और हरियाणा में प्रदर्शन कर रहे किसानों की संख्या काफी कम है, जबकि देश के 14 करोड़ किसान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़े हैं. अगर देश के किसान हमारे साथ नहीं होते तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार केंद्र की सत्ता पर काबिज नहीं हो पाते. आज देश के दक्षिण, पश्चिम, पूरब से लेकर उत्तर तक भाजपा मौजूद है और यह देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है.
राहुल गांधी सदन को कर रहे हैं गुमराह
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सोमवार को बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सदन में झूठ बोला. कांग्रेस सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने से इंकार कर दिया था. भाजपा ने केंद्र की सत्ता पर काबिज होने के बाद इस रिपोर्ट को लागू किया. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के वर्ष 2004 में बजट पर दिए गए भाषण का जिक्र करते हुए गोयल ने कहा कि तत्कालीन वित्त मंत्री ने न्यूनतम समर्थन मूल्य का जिक्र तक नहीं किया था और कहा था कि भारत को कृषि उत्पादन में नंबर एक देश बनाना है. उन्होंने कहा था कि मौजूदा कृषि बाजार समितियों का कोई मतलब नहीं रह गया है और किसानों से सीधे फसल खरीद की व्यवस्था बनाने और कांट्रैक्ट खेती के लिए राज्यों को कानून बनाने की गुजारिश की थी. यूपीए सरकार की नाकामियों की बजाय राहुल गांधी सदन में झूठ बोल रहे हैं. यूपीए सरकार की नीतियों के कारण देश की अर्थव्यवस्था निचले स्तर पर पहुंच गई थी. मोदी सरकार की नीतियों के कारण भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में पांचवें स्थान पर पहुंच गई है. यही विकास कांग्रेस को परेशान कर रहा है.