मुख्य बातें
- कोलकाता एसटीएफ के साथ मिलकर पटना एसटीएफ एवं मधवारा थाने की पुलिस ने चलाया संयुक्त अभियान
- पुलिस ने मिनी गन फैक्टरी से बड़ी संख्या में पूर्ण निर्मित एवं अर्धनिर्मित हथियार किया जब्त
- छापेमारी के दौरान कुछ लोग वहां से भागने में हुए सफल, उन्हें पकड़ने के लिए शुरू की गई छापामारी
कोलकाता, विकास कुमार गुप्ता : कोलकाता पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की सूचना पर पटना एसटीएफ एवं मधवारा थाने की पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर बिहार के सारण जिले के रूप रहीमपुर गांव में मिनी गन फैक्टरी का भंडाफोड़ करते हुए गिरोह के पांच सदस्य को रंगेहाथों हथियार बनाते हुए दबोचा है. पकड़े गये आरोपियों के नाम मोहम्मद चांद उर्फ डोमू (30), मोहम्मद साहिल आलम (20), मोहम्मद इरफान (25), मोहम्मद परवेज आलम (23) और अखिलेश कुमार कुशवाहा (35) बताये गये हैं. इसमें अखिलेश इस ठिकाने का मालिक है, जहां मिनी गन बनाने की फैक्टरी चल रही थी. अन्य सभी कारीगर हैं, जो धड़ल्ले से हथियार तैयार कर रहे थे. गिरफ्तार कारीगरों में सभी मुंगेर जिले के विभिन्न इलाकों के निवासी बताये गये हैं.
कैसे हुआ खुलासा
एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक हाल ही में उन्होंने कोलकाता से कुछ हथियार डीलरों को आर्म्स के साथ गिरफ्तार किया था. उनसे पूछताछ में पता चला कि वे बिहार के सारण जिले में स्थित रूप रहीमपुर गांव में चल रहे मिनी गन फैक्टरी से इन हथियारों को लेकर आये हैं. वहां मुंगेर के कारीगर आकर मुंगेर मेड हथियार तैयार कर रहे हैं. इस जानकारी के बाद कोलकाता एसटीएफ की टीम ने पटना एसटीएफ की टीम के साथ संपर्क किया. पटना पुलिस को पूरी जानकारी दी गई. इसी बीच कोलकाता एसटीएफ की एक टीम सारण जिले के लिए रवाना हो गई. इसके बाद वहां पटना एसटीएफ एवं मधवरा थाने की पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त अभियान चलाकर छापेमारी कर इस ठिकाने के मालिक समेत गिरोह के पांच सदस्यों को दबोच लिया. कुछ वहां से भागने में सफल रहे, उन्हें पकड़ने के लिए छापामारी की जा रही है.
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बड़ी संख्या में मुंगेर मेड हथियार एवं कारतूस हुआ जब्त
कोलकाता पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त वी सोलोमन नेशा कुमार ने बताया कि इस ठिकाने से बड़ी संख्या में मुंगेर मेड हथियार एवं कारतूस के अलावा हथियार तैयार करने की मशीन जब्त की गई है. गिरफ्तार आरोपी किन-किन राज्यों में यहां बनने वाले हथियारों की सप्लाई करते थे. इसकी जानकारी लेने के साथ वे किन-किन हथियार सप्लायरों को यह हथियार सप्लाई किये थे, इन सवालों का आरोपियों से पूछताछ कर जवाब जानने की कोशिश वे कर रहे हैं.