गया. रैगिंग को रोकने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए कठोर नियम बनाये हैं. ये नियम अनिवार्य हैं और सभी संस्थानों को इसके क्रियान्वयन के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे, जिसमें उपरोक्त नियमों के अनुसार निगरानी तंत्र बनाना और इसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करना शामिल है. सीयूएसबी एक रैगिंग मुक्त परिसर है और विश्वविद्यालय रैगिंग को एक गंभीर अपराध मानता है व रैगिंग में भाग लेने या उसे बढ़ावा देने के लिए सबसे कठोर दंड का प्रावधान है. नये शैक्षणिक सत्र के लिए आनेवाली चुनौतियों और परिसर की पवित्रता बनाये रखने के लिए आवश्यक उपायों को ध्यान में रखते हुए सीयूएसबी की एंटी रैगिंग कमेटी द्वारा एक विचार मंथन बैठक आयोजित किया गया. पीआरओ मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह की पहल पर सीयूएसबी के नोडल अधिकारी, एंटी रैगिंग डॉ जावेद अहसन द्वारा कमेटी की एक बैठक बुलाई गयी. बैठक का आयोजन डीएसडब्ल्यू प्रो पवन कुमार मिश्रा ने किया, जिसमें प्रॉक्टर प्रो प्रणव कुमार और एंटी रैगिंग कमेटी के सदस्य डॉ जावेद अहसन, प्रो रति कांत कुंभार, प्रो किरण कुमारी, डॉ राजेश कुमार रंजन, डॉ तारा काशव, डॉ पूनम कुमारी, डॉ राम चंद्र रजक, बालक छात्रावास के वार्डन डॉ आशीष कुमार सिंह, गार्गी सदन बालिका छात्रावास की चीफ वार्डन रेणु और मैत्रेयी सदन बालिका छात्रावास की वार्डन डॉ चंदना सूबा शामिल हुईं. सभी सदस्यों ने आगे की योजना पर चर्चा की व एंटी रैगिंग उपायों पर अपने विचार प्रस्तुत किये. प्रो पवन ने विश्वविद्यालय में सक्रिय रूप से कार्यरत विभिन्न एंटी रैगिंग कमेटियों व दस्तों के बारे में जानकारी दी. प्रॉक्टर प्रो प्रणव कुमार ने विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों के अनुशासन व यातायात प्रबंधन से संबंधित जानकारी दी. वहीं, एंटी रैगिंग नोडल ऑफिसर डॉ जावेद अहसन ने एंटी रैगिंग दिवस और एंटी रैगिंग सप्ताह के पालन के तहत विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाली विभिन्न छात्र संबंधी गतिविधियों की योजना पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों की तरह यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार सीयूएसबी ने 12 अगस्त को एंटी रैगिंग दिवस मनाने व 12 से 18 अगस्त तक एंटी रैगिंग सप्ताह मनाने का निर्णय लिया है.
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