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धनरोपनी में धूप के सामने किसानों की टूट रही हिम्मत

प्रखंड के टाल क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न मौजे के हजारों एकड़ जमीन में लगने वाले धान फसल पर वर्तमान में जरूरत भर बारिश नहीं होने से संकट छाया हुआ है.

मेदनीचौकी. प्रखंड के टाल क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न मौजे के हजारों एकड़ जमीन में लगने वाले धान फसल पर वर्तमान में जरूरत भर बारिश नहीं होने से संकट छाया हुआ है. इस इलाके के कवादपुर, पूर्वी सलेमपुर, गोपालपुर, किरणपुर, पश्चिमी सलेमपुर आदि मौजे के रकबों में धान रोपाई का समय शुरू हो गया है. नर्सरी में धान के बिचड़ा का 21 दिन से अधिक हो गया है. मौसम की बेरुखी से माकूल बारिश होने का नाम नहीं ले रहा है. चिलचिलाती धूप के सामने धान रोपाई में किसानों की हिम्मत टूट रही है. खेतों में बोरिंग से पटवन का पानी नहीं थम रहा है. अब किसान प्राकृतिक बारिश की आस लगाये हुए हैं. धान रोपाई का काम शुरू होते ही एक मुश्त मोटी रकम झोंकने को किसान विवश हो रहे हैं.

मौसम के हालात से मजबूर किसानों ने सुनायी अपनी व्यथा

16 बीघा में धान लगाने का लक्ष्य है. बिचड़ा का समय रोपाई के लिए हो गया है. इंद्रदेव बरस नहीं रहे हैं, जिससे धान रोपाई कार्य काफी मुश्किल हो गया है.

विजय यादव, किसान

गोपालपुर मौजे का रकवा प्राकृतिक बारिश पर आधारित है. बारिश नहीं होने से खेतों की नमी पूर्णतया सूख गयी है. बोरिंग का पानी खेतों में नहीं थम रहा है, जिससे रोपनी नहीं हो पा रही है.

शेलेंद्र महतो, किसान

बोरिंग से लक्ष्य के मुताबिक कुछ रकबों में धान की रोपाई की है. रोज-रोज तेज धूप करने से रोपाई वाली धान भी सूखने की कगार पर आ गया है.

हरेराम पासवान, किसान

अगर बारिश नहीं हुई और समय धूप का ही रहा तो धान रोपाई टेढ़ी खीर साबित होगी. मोटी पूंजी लगाकर किसान आर्थिक रूप से टूट जायेंगे. किसानों का अब इंद्रदेव का ही सहारा है.

अजय शर्मा, किसान

प्राकृतिक बारिश के नहीं होने पर काफी चिंता हो रही है. पट्टा पर खेत लेकर पांच बीघा धान रोपाई करते हैं. बारिश की आस लगाये हुए हैं. समय पर बारिश नहीं हुई तो हमारे जैसा किसान कर्ज में डूब जायेंगे.

विनय यादव, किसानB

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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