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हत्यारोपी को मिली आजीवन कारावास की सजा

10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा भी सुनायी गयी

– एडीजे द्वितीय की अदालत ने सुनायी सजा- 06 अगस्त 2021 को किशनपुर थाना क्षेत्र के अभुआर गांव में गोली मार सोनू की हुई थी हत्या

सुपौल. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय सुनील कुमार (तृतीय) की अदालत ने मंगलवार को हत्या के एक मामले में दोषी करार देते हुए अभियुक्त हीरा झा उर्फ बाना झा को आजीवन कारावास की सजा सुनायी. इसके अलावे आरोपी को 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा भी सुनायी गयी. अर्थदंड की राशि नहीं देने पर 06 माह अतिरिक्त कारावास भुगतनी होगी. न्यायालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार किशनपुर थाना कांड संख्या 152/21 सत्रवाद संख्या 375/21 में आरोपी को आईपीसी की धारा 302 में आजीवन कारावास व 10 हजार अर्थदंड, 27 आर्म्स एक्ट में 05 साल सश्रम कारावास व पांच हजार रुपया अर्थदंड की सजा सुनायी गयी. पांच हजार अर्थदंड नहीं देने पर 01 महीने का साधारण कारावास भुगतनी होगी. सभी सजा साथ-साथ चलेगी. अभियोजन पक्ष की ओर से एपीपी ललन प्रसाद सिंह एवं मो अबु जफर जबकि बचाव पक्ष की ओर से संजय कुमार सिंह ने बहस में भाग लिया.

छह अगस्त 2021 को सोनी की हुई थी हत्या

किशनपुर थाना क्षेत्र के अभुआर गांव में 06 अगस्त 2021 को मामूली विवाद को लेकर एक 22 वर्षीय सोनू कुमार साह के सिर में अभियुक्त हीरा झा ने गोली मार दी. जख्मी सोनू को परिजनों द्वारा किसनपुर अस्पताल लाया गया. जहां तत्कालीन स्वास्थ्य प्रभारी डॉ अभिषेक कुमार सिन्हा द्वारा जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया. उसके बाद परिजनों ने शव को लेकर किसनपुर के गोल चौक एनएच 327 ए को चारों तरफ से बांस वाला रस्सी के सहारे जाम कर दिया. जिससे आने-जाने वाले वाहनों की लंबी कतार लग गयी. कई प्रर्दशनकारियों ने यात्रियों के साथ झड़प भी की. झड़प की सूचना पाकर तत्कालीन थानाध्यक्ष सुमन कुमार ने जाम स्थल पर पहुंच कर समझाने का काफी प्रयास किया. लेकिन जाम कर रहे प्रदर्शनकारी जिला पदाधिकारी एवं आरक्षी अधीक्षक को घटना स्थल पर आने एवं हत्यारा के शीघ्र गिरफ्तारी की मांग करने लगे. काफी देर के बाद लोगों ने इस बात पर डटे रहे कि जब तक दोनों पदाधिकारी जाम स्थल पर नहीं आते हैं और अपराधी को गिरफ्तार नहीं किया जाता है, तब तक जाम जारी रहेगा.

आक्रोशित लोगों ने पुलिस पर किया था पथराव

आक्रोशित लोगों ने पुलिस पर पथराव भी किया था. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए कई राउंड गोली भी चलायी गयी थी.

लगभग साढ़े पांच घंटे तक एनएच रहा जाम

सड़क जाम रहने के कारण सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गयी. तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी अजीत कुमार एवं थानाध्यक्ष सहित अन्य पुलिस बलों के द्वारा घंटों समझाने-बुझाने के बाद भी नहीं तैयार हुए. इसके बाद तत्कालीन सदर अनुमंडल पदाधिकारी मनीष कुमार एवं तत्कालीन डीएसपी कुमार इंद्रप्रकाश के द्वारा भी काफी देर तक समझाने बुझाने का प्रयास किया. लेकिन अधिकारियों का प्रयास विफल रहा.

इसके बाद जिला तत्कालीन जिला पदाधिकारी महेंद्र कुमार एवं तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार के आने के बाद भी जाम कर रहे लोगों ने जाम समाप्त करने से इंकार कर दिया. जिसके बाद डीएम के आदेश से सभी प्रदर्शनकारियों को स्पीकर से प्रचार करवा कर जाम स्थल से जाने का आदेश जारी किया. लेकिन प्रदर्शनकारी जाम स्थल पर डटे रहे. बाद में डीएम के आदेश से लोगों को तितर-बितर करने के लिए खदेड़ा गया. तभी आक्रोशित लोगों ने पत्थरबाजी करना शुरू कर दिया. जिसमें एक पुलिसकर्मी बुरी तरह से जख्मी हो गया था.

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