भवनाथपुर में एक दशक के बाद फिर से पावर प्लांट लगाने को लेकर कवायद शुरू हुई है. राज्य सरकार के निर्देश पर गढ़वा उपायुक्त ने भवनाथपुर अंचलाधिकारी से पावर प्लांट लगाने को लेकर सेल की जमीन संबंधी रिपोर्ट मांगी है. इसके आलोक में अंचलाधिकारी आफताब आलम ने सेल खान प्रबंधक भगवान पाणिग्रही के साथ सेल भूमि का निरीक्षण किया. सीओ ने सेल की पंडरिया पंचायत स्थित धनीमंडरा में भूमि का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान उन्होंने बताया कि पावर प्लांट लगाने को लेकर भूमि संबंधी जानकारी मांगी गयी है. धनी मंडरा में सेल की 474 एकड़ जमीन है. इसके अलावा सरैया में भी 40 एकड़ जमीन है. उक्त जमीन पर 1320 मेगावाट का पावर प्लांट वर्ष 2014 से ही प्रस्तावित है. बताया जा रहा है कि उक्त प्रस्ताव के आलोक में भवनाथपुर में झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के द्वारा पावर प्लांट लगाया जा सकता है.
सेल ने लगाया था क्रशिंग प्लांट : उल्लेखनीय है कि वर्ष 1965-70 के बीच एकीकृत बिहार के पलामू जिले के भवनाथपुर में भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (सेल) ने एशिया का सबसे बड़ा क्रशिंग प्लांट लगाया था. तब भवनाथपुर अचानक सुर्खियों में आया था. अब करीब पांच दशक बाद भवनाथपुर चूना पत्थर खदान और तुलसीदामर डोलोमाइट खदान पूर्ण रूप से बंद हो गया है. इसके बाद भवनाथपुर पूरी तरह विरान हो गया है. ऐसे में पावर प्लांट लगने से भवनाथपुर एक बार फिर से गुलजार हो सकता है.
पहले ही हुआ था शिलान्यास : उल्लेखनीय है कि भवनाथपुर में सेल के धनीमंडरा की जमीन पर 19 फरवरी 2014 को 8500 करोड़ रुपये की लागत से 1320 मेगावाट के पावर प्लांट की चहारदीवारी का शिलान्यास सीआइएसफ फायरिंग रेंज में तत्कालीन ( वर्तमान भी) मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व तत्कालीन उर्जा मंत्री राजेन्द्र सिंह ने किया था. पर दुर्भाग्यवश शिलान्यास के 10 वर्ष बीतने के बाद भी पावर प्लांट का कार्य प्रारंभ नहीं हो सका. इधर सरकार द्वारा इस संबंध में पुन: रिपोर्ट मांगे जाने के बाद एक बार फिर से पावर प्लांट लगाने को लेकर चर्चा शुरू हो गयी है.
फिर से रौनक लौटेगी : खान प्रबंधकखान प्रबंधक भगवान पाणिग्रही ने कहा कि सेल के चूना पत्थर व डोलोमाइट दोनों खदानों के बंद हो जाने के बाद विरान हो चुके भवनाथपुर में पावर प्लांट लगने से फिर से रौनक लौट आयेगी. यदि राज्य सरकार कोई भी उद्योग लगाने को इच्छुक है, तो सेल प्रबंधन पूरा साथ देगा.
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