Sawan 2024: भगवान शिव के प्रिय महीने सावन में बिहार के प्रसिद्ध वृद्धेश्वरनाथ मंदिर में आस्था का जनसैलाब उमड़ता है. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग देश के कोने-कोने से बाबा के दर्शन करने वृद्धेश्वरनाथ मंदिर पहुंचते हैं. सावन में मंदिर का नजारा काफी रमणीय होता है. अगर आप भी धर्म में रुचि रखते हैं और सावन में बिहार घूमने आ रहे हैं तो जरूर आएं वृद्धेश्वरनाथ मंदिर.
मुनि वशिष्ठ और भगवान श्रीराम ने की थी मंदिर की स्थापना
बिहार के भागलपुर जिले में गंगा नदी के किनारे स्थित है वृद्धेश्वरनाथ मंदिर. इसे लोग बूढ़ानाथ मंदिर के नाम से भी जानते हैं. यह मंदिर हिंदुओं का पवित्र धाम है, जो भगवान शिव को समर्पित है. श्रावण मास में वृद्धेश्वरनाथ मंदिर में विशेष पूजा-पाठ की जाती है. इस दौरान भक्त भोलेनाथ की पूजा करने वृद्धेश्वरनाथ मंदिर आते हैं. यह प्राचीन मंदिर बिहार के लोगों की आस्था का प्रतीक है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर की स्थापना भगवान श्री राम और मुनि वशिष्ठ ने की थी.
वृद्धेश्वरनाथ मंदिर का इतिहास काफी समृद्ध है. कहा जाता है ताड़कासुर वध के बाद मुनि वशिष्ठ प्रभु राम और लक्ष्मण के साथ भागलपुर आए थे. तभी उन्होंने इस प्राचीन मंदिर की स्थापना की थी. हिंदू धर्म के पवित्र शिव पुराण में भी इस मंदिर का उल्लेख है. यह मंदिर भागलपुर शहर का प्रमुख आध्यात्मिक और पर्यटन केंद्र है.
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यहां पूरी होती है भक्तों की मुराद
वृद्धेश्वरनाथ मंदिर के बारे में कहा जाता है कि सावन में इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग पर जल चढ़ाने से भक्तों की सारी मनोकामना पूरी हो जाती है. इस मंदिर का विशेष महत्व है कि जिन लोगों की शादी तय नहीं होती है. वो अगर बुढ़ानाथ मंदिर में आकर अपनी शादी तय करें, तो उनकी शादी फाइनल हो जाती है. भागलपुर के वृद्धेश्वरनाथ मंदिर के प्रति लोगों में अपार श्रद्धा है.
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