Munshi Premchand Birth Anniversary 2024: आज ही के दिन 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के लमही गांव में साहित्यकार प्रेमचंद का जन्म हुआ था. हिंदी साहित्य में प्रेमचंद का कद काफी ऊंचा माना जाता है. भारत के उपन्यास सम्राट माने जाने वाले प्रेमचंद ने बेहतरीन रचनाएं लिखीं हैं.
जानें प्रेमचंद के जीवन के बारे में
प्रेमचंद का वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव था. आपको बता दें काफी कम उम्र में ही उनके पिता का देहांत हो गया. समय से पहले ही घर की जिम्मेदारी उनके कंधे पर आ गई. दसवीं पास करने के बाद वो प्राइमरी स्कूल में शिक्षक बन गए. नौकरी में रहते हुए उन्होंने बी.ए. की परीक्षा पास की. साल 1920 में उन्होंने गांधी जी के साथ असहयोग आंदोलन में भी भाग लिया. उन्हें अपनी प्रेस खोली तथा ‘हंस’ नामक पत्रिका का संपादन किया. सन् 1936 में उनका देहांत हो गया.
मुंशी प्रेमचंद जी की कहानियां
महान कहानीकार व उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी की कहानियों से हमें आज भी बहुत सारी चीजें सीखने को मिलती हैं. मुंशी प्रेमचंद जी के द्वारा लिखी हुई कुछ कहानियों को हमने यहां पर संकलित किया है-
दो बैलों की कथा
बड़े घर की बेटी
पंच परमेश्वर
बूढ़ी काकी
कफन
ईदगाह
जुलूस
ज्वालामुखी
नादान दोस्त
देवी
बलिदान
घमंड का पुतला
प्रतिशोध
आखिरी मंजिल
दूसरी शादी
गुल्ली डंडा
यह मेरी मातृभूमि है
शराब की दुकान
ठाकुर का कुआं
ईश्वरीय न्याय
कर्मों का फल
नेकी
नमक का दरोगा
राष्ट्र का सेवक
इज्जत का खून
कप्तान साहब
शादी की वजह
नरक का मार्ग
मुफ्त का यश
वफा का खंजर
मुंशी प्रेमचंद के द्वारा लिखे गए उपन्यास बीसवीं शताब्दी के शुरुआती दशकों की आमजन की घटनाओं को बड़ी ही स्पष्टता से दिखाते हैं. मुंशी प्रेमचंद के द्वारा लिखे गए कुछ उपन्यास ये हैं-
गोदान
गबन
सेवासदन
रंगभूमि
कर्मभूमि
प्रतिज्ञा
कायाकल्प
प्रेम आश्रम
मंगलसूत्र (अधूरा)
रूठी रानी
देवस्थान रहस्य
कृष्ण
प्रेम
वरदान
प्रेमचंद के उपन्यास बहुत ही सरल भाषा में स्पष्ट अर्थ देते हैं. जब हम उनके उपन्यासों को पढ़ते हैं तो हमें ऐसा लगता है कि हमारे शरीर में नई ऊर्जा का संचार हो रहा है. उनकी अद्भुत लेखन कुशलता के कारण ही उपन्यास सम्राट कहा गया है.