मुंगेर. जेआरएस कॉलेज, जमालपुर में संचालित मुंगेर विश्वविद्यालय के हिंदी पीजी विभाग में बुधवार को प्रेमचंद जयंती समारोह सह ”वर्तमान समय में प्रेमचंद के साहित्य की प्रासंगिकता ” विषय पर संगोष्ठी का आयोजित की गयी. जिसकी अध्यक्षता हिंदी पीजी विभागाध्यक्ष डॉ शिव कुमार मंडल ने की. कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना ”वर दे वीणावादिनी वर दे” से हुआ. जिसकी प्रस्तुति पीजी की छात्रा सुषमा ने की. विभागाध्यक्ष ने कहा कि प्रेमचंद की रचनाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं, जितनी उनके समय में थी. प्रेमचंद के साहित्य का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि पहली बार प्रेमचंद ने अपनी कहानियों और उपन्यासों में आम जनता को स्थान दिया. उन्होंने अपने साहित्य में तत्कालीन समाज के उपेक्षित वंचितों, किसानों, मजदूरों आदि को कथा का नायक बनाया. प्रेमचंद ने हिन्दी कथा साहित्य में युगान्तर स्थापित किया. जिसके कारण ही वे कथा सम्राट कहलाये. संगोष्ठी का बीज वक्तव्य देते हुए डा.राजीव कुमार ने कहा कि प्रेमचंद का साहित्य कालजयी साहित्य है. प्रेमचंद ने साहित्य को जीवन की आलोचना कहा है. उनके साहित्य में आम आदमी की समस्याओं का चित्रण हुआ है. उनका साहित्य सदा मानव को दिशा दिखलाता रहेगा. डा.अवनीश चन्द्र पांडेय ने प्रेमचंद के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उनकी रचनाओं की पठनीयता पर बल दिया. साथ ही उन्होंने छात्र-छात्राओं को नेट, जेआरएफ की तैयारी की रणनीति के बारे में विस्तार से बताया. छात्रा अंकिता कुमारी ने कथाकार प्रेमचंंद्र के संक्षिप्त जीवन परिचय को प्रस्तुत किया. इस दौरान छात्र अभिषेक, भारती, सुनंदा, सुरभि आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये. धन्यवाद ज्ञापन छात्रा सुनन्दा कुमार ने की.
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