बेनीपट्टी . अनुमंडल के मध्य विद्यालय पाठक टोला में आदर्श महिला मंडल लडूगामा के तत्वावधान में उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज के सहयोग से सेमिनार का आयोजन किया गया. सेमिनार का विषय मिथिला की सांस्कृतिक धरोहर था. जिसकी अध्यक्षता विद्यालय के प्रधानाध्यापक विनय ठाकुर ने की. छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मिथिला का इतिहास बहुत ही समृद्ध रहा है. यहां की स्थानीय कला, भाषा, साहित्य , लोक-गीत, लोक-नृत्य, शैली, मिथिला पेंटिंग, गोदना, पांडुलिपि आदि का अनोखा संगम रहा है. इनमें से जो विशिष्ट है वो हमारा धरोहर है. लेकिन बीते समय के साथ ये कला धूमिल होती जा रही है. जिसका प्रमुख करण है इसका उचित ढंग से संरक्षण और संवर्धन नहीं होना. जिसके करण यह परंपरा अपनी पहचान खोती जा रही है. इसलिए इनके महत्व को समझना और इनका संरक्षण करना नई पीढ़ी का दायित्व है. इसके लिए जरुरी है कि लोगों के बीच जागरूकता फैलायी जाये. सेमिनार को संबोधित करते हुए संजय कुमार मिश्रा ने कहा कि मिथिला की संस्कृति गौरवशाली रही है. यहां की परंपरा सामा-चकेवा, झिझिया, डोमकछ, जट-जटिन आदि परंपरागत लोक-नृत्य थी. जो अब विलुप्त होने के कगार पर है. इन्हें पुनर्जीवित कर इनका संरक्षण किया जाना आवश्यक है. ताकि आने वाली पीढ़ी अपनी संस्कृति पर गर्व कर सके. इसके अतिरिक्त सहायक शिक्षक मुनेश्वर पासवान, सुधीर कुमार, अर्चना कुमारी, सपना कुमारी ने भी अपनी बातें रखी. सेमिनार में रवि रंजन कुमार, पुष्पेंद्र ठाकुर, सोना मिश्रा, स्तुति कुमारी, जगबंधु कुमार ठाकुर, संजय कुमार मिश्रा, शशि भूषण मिश्रा भी उपस्थित थे.
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