गोपालगंज. अपने शहर को उजाला करने के लिए नगर परिषद की फाइल में 14 सौ स्ट्रीट लाइटें लगी हैं. सच से शहर के लोग वाकिफ हैं. शाम होने के साथ ही शहर का अधिकतर हिस्सा अंधेरे में गुम हो जाता है. गली-मुहल्लों की कौन कहे. प्रमुख सड़कें भी अंधेरे में डूब जाती हैं. इइएसएल कंपनी ने वर्ष 2019-20 में नगर परिषद क्षेत्र में बिजली के खंभों पर एलइडी लाइटें लगाने का कार्य शुरू किया. एक हजार लाइट लगाकर 14 सौ लाइट लगाने का दावा कर दिया. जब नगर पर्षद ने लाइट की जांच की, तो पता चला कि एक हजार ही लाइट लगायी गयी. नगर परिषद ने कंपनी का पेमेंट रोक दिया. बंजारी रोड में लगी लाइट को नगर परिषद ने अपने जलाया. वह भी एक माह में ही बुझ गयी. प्रमुख चौराहों, कलेक्ट्रेट रोड, अधिकारियों की काॅलोनी को छोड़ दें, तो बाकी गली-मुहल्लों व सड़कों पर अंधेरा बना रहता है. माॅनसून की बारिश होते ही शहर के अंधेरे में डूबे रहने से रात में आने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है. सड़कों पर पानी भरे रहने, नाले के नहीं दिखने के कारण लोगों की जान पर बन आयी है. कब कौन नाले में गिर कर जख्मी हो जाये, कहना मुश्किल हो जाता है. नगर परिषद की ओर से गली-मुहल्लों को रोशन करने के लिए ठोस रणनीति नहीं बन पा रही है. इससे शहर के लोगों में आक्रोश है. लोगों के साथ ही स्थानीय वार्ड पार्षद सभापति से लेकर कार्यपालक पदाधिकारी तक खराब लाइट ठीक कराने की गुहार लगा रहे हैं. वे भी टाल-मटोल करते हैं. विभाग के आदेश का इंतजार करने की बात कही जाती है. मुख्य सड़क बंजारी रोड, डाकघर से आंबेडकर चौक, कलेक्ट्रेट रोड, मेन रोड, कॉलेज रोड, हजियापुर रोड, हनुमानगढ़ी रोड, ब्लॉक से कृषि कार्यालय जाने वाली प्रमुख सड़क, बंजारी से काली स्थान रोड जादोपुर रोड तक, मौनिया चौक से जादोपुर, जादोपुर चौक से लखपतिया मोड़, साधु चौक से मठिया की ओर जाने वाली सड़क, स्टेशन रोड, राजेंद्र नगर एवं मुहल्ले में जहां भी कंपनी ने एलइडी लाइट लगायी, वह खराब है. बारिश के कारण कहीं तार टूट गया है, तो कहीं स्विच खराब हो गया है. मुहल्ले एवं सड़कों पर 10 हजार रुपये कीमत की लगी एलइडी लाइट भी बुझ गयी है.
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