-पूर्व कुलपति के कार्यकाल में भौतिक सत्यापन के बाद दी गयी थी सकारात्मक रिपोर्ट मुजफ्फरपुर. बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में सीनेट की पिछली बैठक के दौरान जिन कॉलेजों का प्रस्ताव आया था. उनकी जांच के दौरान एक अचरज करने वाली बात सामने आयी है. एक ऐसे कॉलेज का प्रस्ताव आया था. जिसका इंफ्रास्ट्रक्चर तो दूर भवन भी नहीं था. बाकि फैकल्टी और अन्य संसाधन तो कागज पर ही थे. हद तो यह है कि पूर्व कुलपति के कार्यकाल में गठित कमेटी ने कॉलेज की जांच कर उसके संबंधन देने को लेकर सकारात्मक रिपोर्ट भी दे दी थी. कॉलेज के भौतिक सत्यापन के लिए जब वर्तमान में टीम पहुंची तो दर्शाए गए स्थल पर दूर-दूर तक खेत दिखा. उसमें फसल लगा था. विश्वविद्यालय के विश्वस्त सूत्रों के अनुसार यदि सीनेट की बैठक में इन कॉलेजों के पुर्न भौतिक सत्यापन का आदेश नहीं होता तो शायद अबतक कॉलेज काे कागज पर ही मान्यता मिल गयी होती. सिंडिकेट की बैठक में इसे स्वीकृति भी दे दी गयी थी, लेकिन सिंडिकेट के जिन सदस्यों ने सिंडिकेट की बैठक में उस प्रस्ताव को स्वीकृत करने में सहमति दी थी. सीनेट की बैठक में सामने आकर उन सदस्यों ने जांच के बाद ही मान्यता देने के लिए उन्हीं सदस्यों ने मांग की. इसके बाद जांच के बाद ही स्वीकृति देने का निर्णय लिया गया था.
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