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जिलों ने नहीं भेजा स्कूली गाड़ियों के संबंध में रिपोर्ट

- अब भी खुलेआम स्कूलों में चल रही हैं कंडम गाड़िया, बच्चों की छोटी गाड़ियों में ठूस कर बिठाते हैं चालक- परिवहन अधिकारी नहीं करते हैं स्कूली गाड़ियों की जांच

– अब भी खुलेआम स्कूलों में चल रही हैं कंडम गाड़िया, बच्चों की छोटी गाड़ियों में ठूस कर बिठाते हैं चालक- परिवहन अधिकारी नहीं करते हैं स्कूली गाड़ियों की जांच संवाददाता, पटना परिवहन विभाग ने समीक्षा बैठक कर सभी जिला परिवहन पदाधिकारी से स्कूलों के नियंत्रणाधीन या विद्यार्थियों को लाने-ले जाने के लिए प्रयुक्त सभी प्रकार के वाहनों की विवरणी प्रपत्र में तैयार कर एक सप्ताह के अंदर मांगी गयी थी, लेकिन सात माह होने के बाद भी स्थिति यथावत है. स्कूलों में पहले की तरह कंडम छोटी और बड़ी गाड़ियां चल रही हैं. साथ ही, कितने स्कूल में कितनी गाड़ियां चल रही है. इसको लेकर किसी डीटीओ ने पूर्ण ब्योरा विभाग को नहीं भेजा है. वहीं, स्कूलों गाड़ियों को पकड़ने के लिए एमवीआइ के नेतृत्व में टीम बनाकर जांच कराने का निर्देश भी जिलों को दिया गया था, लेकिन सात माह में दो-चार बार जांच के नाम पर खानापूर्ति हुई है. विभागीय अधिकारी का मानना है कई बस में यह शिकायतें प्राप्त होती है कि उसमें स्पीड के मानकों का पालन नहीं किया जाता है तथा स्कूल बसों के लिए जो सुरक्षा मानक है उसका पालन नहीं किया जा रहा है.इस कारण से छोटी गाड़ियों और बसों में बच्चों को ठूस कर बिठाया जाता है और इसको लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. स्कूली बसों में इन कागजातों की जांच करने का आदेश विभाग ने आदेश दिया है कि राज्यभर के सभी स्कूलों में परिचालित स्कूली वाहनों की जांच करना है. जांच के दौरान वाहनों का परमिट, फिटनेस, पॉल्यूशन, इंष्योरेंस, स्पीड गर्वनर, वीएलटीडी इत्यादि मानकों की जांच करना अनिवार्य हैं, लेकिन परिवहन अधिकारियों की सुस्ती के कारण जांच अभियान नियमित नहीं चल पा रहा है. स्कूलों में चल रही गाड़ियां उसी तरह से मनमर्जी से चल रही है. यह लिया गया था निर्णय जांच के दौरान स्कूली वाहनों के सभी पैरामीटर्स की जांच की जायेगी. विशेषकर पटना में स्कूलों के सर्वेक्षण के लिए 15 एमवीआई की टीम बनाने का आदेश जिलों को मिला था,जो सुनिश्चित करेगी कि स्कूली वाहनों में कोई कमी नहीं है और सभी निर्दिष्ट मानकों का पालन हो रहा है.बावजूद इसके वाहनों में कमी पाये जाने की स्थिति में जुर्माना लगाते हुए विधिसम्मत कार्रवाई की जायेगी, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है.

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