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शिवभक्त कांवरियों से गुलजार हो रहा कांवरिया पथ, भक्ति व आस्था का अदभूत दिख रहा नजारा

रंग-बिरंगे कांवर एवं आकर्षक झांकी के साथ पैदल यात्रा कर रहे कांवरियों की टोली शिवभक्तों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. बोल बम का नारा है बाबा एक सहारा है,

फोटो संख्या :फोटो कैप्शन : 30. बोलबम का नारा लगाते बाबाधाम जा रहे कांवरिया प्रतिनिधि, संग्रामपुर

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विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला का रंग जैसे-जैसे कच्ची कांवरिया पथ पर चढ़ रहा है. वैसे-वैसे शिवभक्तों का सैलाब कांवरिया पथ पर उमड़ता जा रहा है. रंग-बिरंगे कांवर एवं आकर्षक झांकी के साथ पैदल यात्रा कर रहे कांवरियों की टोली शिवभक्तों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. बोल बम का नारा है बाबा एक सहारा है, हर हर महादेव, ओम नमः शिवाय पार करेंगे भोले बाबा का जाप करते हुए कावंरिया देवघर की ओर कूच कर रहे हैं.

शिवभक्तों से कांवरिया पथ हो रहा गुलजार

पैदल यात्रा करने वाले कांवरियों के साथ-साथ सड़क मार्ग से भी कांवरिया सुल्तानगंज से गंगाजल भरकर अपने निजी वाहन पर गेरुआ कलर के बोल बम का झंडा लगाकर देवघर की ओर जा रहे हैं. जिस प्रकार कच्ची कांवरिया पथ केसरिया रंग से रंग गया है उसी प्रकार सड़क मार्ग से भी चलने वाले कांवरियों के वाहन में बज रहे कांवर भजन एवं भगवा झंडा बाबा की भक्ति में चार चांद लगा रहे हैं. कांवरिया अपनी सुविधानुसार अपनी मन्नत लिये देवघर जा रहे हैं. वहीं प्रशासनिक स्तर पर भी कांवरियाें की सुविधा का विशेष ख्याल रखा जा रहा है. जबकि सेवा शिविर भी कांवरियों की सेवा में लगी है.

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कांवरियों की सुविधा के लिए मददगार साबित हो रहा व्हाटशप ग्रुप

संग्रामपुर :

प्रशासनिक स्तर पर कांवरियों को दी जाने वाली सुविधाओं के लिए श्रावणी मेला के नाम से व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है. इस ग्रुप के माध्यम से जहां कहीं भी कांवरियों को किसी भी प्रकार की परेशानी होती है तो इसकी सूचना ग्रुप में डाली जाती है. जिससे ग्रुप में शामिल पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि, मीडियाकर्मी एवं बुद्धिजीवी त्वरित संज्ञान लेते हुए कांवरिया पथ पर नियुक्त दंडाधिकारी के माध्यम से कांवरियों को समुचित सुविधा मुहैया कराई जाती है. खासकर कोई भी कांवरिया जब अपने परिजन से बिछड़ जाते हैं तो यह ग्रुप काफी मददगार साबित होता है. अबतक आधे दर्जन बिछड़े हुए कांवरियों को उसके परिजनों से मिलाया गया. साथ ही कांवरिया पथ पर शौचालय, स्नानागार, पेयजल, सुरक्षा की दृष्टिकोण से बने पुलिस पिकेट, स्वास्थ्य सुविधा सहित अन्य प्रकार की परेशानी पर पूरी तरह से नजर रखा जा रहा है. जिससे कांवरियों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो रही है.

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इरादे नेक हो तो बाबा के दरबार जाने में कोई भी बाधा रोक नहीं सकती

फोटो संख्या :

फोटो कैप्शन : 32. दंडी यात्रा कर देवघर जा रही समस्तीपुर की 26 वर्षीय शारदा

प्रतिनिधि, असरगंज

श्रावणी मेला में जहां एक ओर कांवर लेकर जाने वाले कावरियों की अप्रत्याशित भीड़ देखी जा रही है. वहीं दंडी देकर देवघर जाने वाले कांवरियों की भी संख्या कम नहीं है. यूं कहे कि भोले बाबा के प्रति लोगों की आस्था ऐसी है कि हर कोई किसी भी प्रकार का कष्ट करने को तैयार है. गुरुवार को कोलकाता के एक कांवरिया महाकालेश्वर की मूर्ति को कंधे पर बैठाकर बाबा बैजनाथ रावणेश्वर को जलाभिषेक करने जा रहे हैं. यात्रा के दौरान अभिषेक सिंह ने बताया कि लगातार चार वर्षों से कांवड़ यात्रा कर देवघर जाते हैं.

दंडी यात्रा कर देवघर जा रही समस्तीपुर की 26 वर्षीय शारदा

कांवरिया पथ में समस्तीपुर के दंडी बम का एक जत्था करीब सात लोगों के साथ निकला. समस्तीपुर जिला के चैता गांव की शारदा कुमारी भी दंड देकर अपने जीजा विकास कुमार एवं पिता अंजन कुमार पांडे के साथ देवघर जा रही है. शादी के महज छह माह ही हुए हैं कि शारदा ने दंडी यात्रा करने का निर्णय ले लिया. उन्होंने बताया कि अगले साल हम कांवड़ यात्रा पर देवघर गए थे. रास्ते में कई दंड यात्री को देखें तो मेरे मन में भी जिज्ञासा जगा कि मैं भी दांडी यात्रा करूं और कुछ मन्नतें भी थी मेरी पूरी हो गई. मेरे पति रेलवे में इंजीनियर हैं. पिताजी के मना करने के बावजूद दंड यात्रा शुरू की और पांच दिनों में सुल्तानगंज से चलकर कमरांय पहुंची हूं. हालांकि इस पथ में सबसे कठिन यात्रा दंड यात्रा ही है.

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500 किलोमीटर की यात्रा कर देवघर जा रहे तीन दोस्त

फोटो संख्या –

फोटो कैप्शन – 31. 500 किलोमीटर की यात्रा कर देवघर जा रहे तीन दोस्त 33. महाकालेश्वर की मूर्ति को कंधे पर बैठाकर बाबा जाते शिवभक्त

असरगंज : औरंगाबाद जिला के सिंघौर से 500 किलोमीटर की पैदल यात्रा पर तीन मित्र देवघर के लिए निकले हैं. अपने घर से पैदल यात्रा कर गुरुवार को 11वें दिन मुंगेर के कच्ची कांवरियां पथ कमरांय पहुंचे. जंहा उन्होंने बताया कि 500 किलोमीटर का पदयात्रा करने का हम लोग निर्णय लिये हैं. हमलोग सोचे कि सभी लोग तो सुल्तानगंज से जल भरकर बाबा धाम जाते हैं. परंतु हम तीन दोस्त कुछ अलग करते हैं. इसी सोच के साथ 500 किलोमीटर की पैदल यात्रा प्रारंभ कर दी. यात्रा का प्रारंभ औरंगाबाद के सिंघल से की. अबतक 300 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर लिये हैं और अभी डेढ़ सौ किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी बाकी है. पहले हम तीनों दोस्त अजगैबीनाथ सुल्तानगंज जाएंगे. उसके बाद वहां से जल भरकर बाबा नगरी बैद्यनाथ धाम एवं बासुकीनाथ धाम तक पैदल यात्रा कर बाबा को जलार्पण करेंगे.

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स्वास्थ्य शिविर में दवा नहीं रहने से निराश हुए कांवरिया

फोटो संख्या :फोटो कैप्शन : 34. बिना दवा के संचालित हो रहा स्वास्थ्य शिविर

संग्रामपुर : श्रावणी मेला में संग्रामपुर प्रखंड क्षेत्र के 12 किलोमीटर कच्ची कांवरिया पथ में चार अस्थाई स्वास्थ्य शिविर बनाया गया है. जिसमें लोढ़िया, मनिया, कहुआ और कुमरसार शामिल है. जबकि खैरा में पर्यटन विभाग द्वारा 200 बेड का टेंट सिटी बनाया गया है. जहां प्रतिदिन हजारों कांवरिया विश्राम करते हैं. टेंट सिटी में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए पिछले दिनों एक अस्थाई स्वास्थ्य शिविर लगाया गया और स्वास्थ्यकर्मियों की भी प्रतिनियुक्ति भी की गई. गुरुवार को स्वास्थ्य शिविर में दवा नहीं रहने से कांवरिया अपना इलाज नहीं करा पाये और शिविर से निराश होकर लौट गये. इस संदर्भ में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एसएस राय ने कहा कि हाल ही में खैरा टेंट सिटी बनने के कारण बुधवार से स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति की गई है. शिविर में कर्मी सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक ही ड्यूटी पर तैनात रहेंगे. शिविर में सभी प्रकार की दवाई दिये जाने का निर्देश आया है. आज किसी भी समय दवा उपलब्ध करा दिया जायेगा.

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