एनएचएम कर्मियों की 10 सूत्री मांगों को लेकर बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के आह्वान पर गुरुवार को जिला मुख्यालय में धरना-प्रदर्शन किया गया. एफआरएएस विधि से डिजिटल अटेंडेंस पर रोक लगाने समेत 10 सूत्री मांगों को लेकर एनएचएम के तहत कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों ने गत 22 जुलाई से कार्य बहिष्कार कर रखा है. गुरुवार को कर्मियों ने सदर अस्पताल परिसर स्थित जिला स्वास्थ्य समिति कार्यालय को घेर कर रोषपूर्ण प्रदर्शन किया. इसके बाद परिसर में सभा की गयी, जिसमें मांगें पूरी होने तक कार्य बहिष्कार जारी रखने का एलान किया गया. सभा की अध्यक्षता संघ के जिलाध्यक्ष राजेश रंजन ने की.
सभा को संबोधित करते हुए संघ के जिला मंत्री राकेश कुमार सिंह ने कहा कि एनएचएम के तहत कार्य करने वाले स्वास्थ्यकर्मी अपनी जायज मांगों को लेकर 10 दिनों से कार्य बहिष्कार कर रहे हैं, लेकिन सरकार इनके प्रति संवेदनहीन बनी हुई है. एनएचएम कर्मियों के मानदेय का भुगतान पिछले चार माह से लंबित है, वहीं दूसरी ओर राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से एनएचएम कर्मियों के लिए स्मार्टफोन के जरिये एफआरएएस विधि से हाजिरी दर्ज करने का अव्यवहारिक आदेश जारी किया गया है. संघ इसका कड़ा विरोध करता है. समान काम समान वेतन की अवधारणा के विपरीत एनएचएम कर्मियों के अल्प वेतन के बावजूद अप्रैल माह से ही इनके वेतन या मानदेय का भुगतान लंबित है. ठेका-संविदा की बहाली पर रोक लगाते हुए स्वास्थ्य विभाग के सभी रिक्त पदों को भरने समेत अन्य मांगों का ज्ञापन विभाग के अपर मुख्य सचिव को सिविल सर्जन के माध्यम से भेजा जा रहा है. इस पर सरकार की ओर से यथाशीघ्र निर्णय नहीं होता है, तो सभी संविदाकर्मी कार्य बहिष्कार के साथ ही आंदोलन तेज करने को बाध्य होंगे. मौके पर संघ के सम्मानित अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार, मुख्य संरक्षक राजेंद्र पटेल, धनेश्वर राम, हरेराम यादव, मनोरंजन कुमार, सुरेंद्र राय, राजू कुमार, कुमारी वंदना, विकास कुमार, नूतन कुमारी, मनोज कुमार, कमल किशोर यादव, मोनिका कुमारी, अमृता कुमारी, आशा, विनीता सिन्हा, रामप्रवेश यादव आदि ने सभा को संबोधित किया.
ये हैं इनकी मांगें : समान कार्य के बदले समान वेतन देने, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संविदा पर कार्यरत सभी कर्मियों को बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा देने, एनएचएम के सभी कर्मियों पर अशोक चौधरी की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति की अनुशंसाओं को लागू किये जाने, एनएचएम कर्मियों के लिए स्मार्टफोन से एफआरएएस विधि से उपस्थिति दर्ज करने के अव्यवहारिक आदेश को अविलंब निरस्त करने, अप्रैल माह से बकाये मानदेय का भुगतान करने, स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर स्थायी भवन, आवासीय सुविधा, शौचालय, स्वच्छ पेयजल, बिजली, वाइफाइ इंटरनेट जैसी सुविधाएं सुनिश्चित करने, राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से जारी मानदेय बढ़ोतरी के दोषपूर्ण आदेश में सुधार करने, एनएचएम के तहत अन्य कर्मियों की तरह सीएचओ को भी समान रूप से वेतन वृद्धि एवं अन्य सुविधाओं का लाभ देने, विशाखा जजमेंट के अनुरूप कार्यस्थल पर महिला कर्मियों की सुरक्षा की गारंटी करने तथा सभी संविदा कर्मियों को न्यूनतम वैधानिक मजदूरी का भुगतान किये जाने की मांगें शामिल हैं.
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