गिद्धौर. दिग्विजय सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था में लापरवाही देखने को मिली है. यहां चिकित्सा कर्मी के बजाय सुरक्षा गार्ड ने मरीज को ऑक्सीजन का सिलिंडर लगाया. इलाज के दौरान सही तरीके से ऑक्सीजन नहीं लगाये जाने से उसकी तबीयत बिगड़ गयी. जानकारी के अनुसार प्रखंड के सेवा गांव निवासी अभय रावत की 14 वर्षीय पुत्री रानी कुमारी को परिजनों ने तेज सिरदर्द और सांस लेने में तकलीफ के बाद अस्पताल में भर्ती कराया, जहां ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक डॉ परमानंद ने उसका प्राथमिक उपचार किया. मरीज के परीक्षण के बाद जब डॉ रजक पुर्जा बना रहे थे. इसी दौरान अस्पताल में मौजूद गार्ड ने आकर ऑक्सीजन सिलिंडर मशीन को सेट किया और मरीज को ऑक्सीजन लगा दिया. परिजनों ने बताया कि इस दौरान मरीज को ऑक्सीजन की मात्रा मानक के अनुरूप नहीं मिलने से उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. इसके बाद आनन फानन में चिकित्सक ने इसे ठीक किया, तब जाकर पूजा की बिगड़ती स्थिति में धीरे धीरे सुधार आया.
बताते चलें कि अभी हाल ही में गिद्धौर-जमुई मुख्य मार्ग पर सड़क हादसे में घायल बंझुलिया गांव निवासी आर्मी जवान अजीत पांडे की 18 माह की पुत्री अदिति को दिग्विजय सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया था. जहां से उसे रेफर कर दिया गया था. उसकी मौत हो गयी थी. बाद में परिजनों से मिल शोक संवेदना व्यक्त करने आये जमुई सांसद अरुण भारती से परिजनों ने मासूम बच्ची को अस्पताल में खाली ऑक्सीजन सिलिंडर लगाकर रेफर किये जाने व इससे उसकी मौत से हों जाने की शिकायत की थी. इसपर सांसद ने सीएस से दूरभाष पर इस मसले पर बात कर अस्पताल प्रबंधन द्वारा इस तरह की घोर लापरवाही पर कार्रवाई का निर्देश दिया था. बावजूद इसके इस तरह की लापरवाही यहां इलाज को लेकर आने वाले मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है.कहते हैं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी
इस संदर्भ में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अजिमा निशात ने कहा है कि मरीज को ऑक्सीजन डॉक्टर के देखरेख में ही लगाया जाना है, जीएनएम या आईएमटी को ही इन सब उपकरणों को हैंडल करना है, मामले की जांच कर विभागीय कार्रवाई की जाएगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है