राजदेव पांडेय,पटना परीक्षा फल के आधार पर राज्य सरकार से वित्तीय मदद पाने वाले करीब 50 से अधिक कॉलेजों का अनुदान विश्वविद्यालयों के विभिन्न खातों में डंप पड़ा है. डंप राशि करीब 58 करोड़ है. ऐसी स्थिति में अनुदानित कॉलेजों के सैकड़ों शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियोंं का वेतन भुगतान नहीं हो सका है. हैरत की बात है कि यह राशि पिछले साल मार्च 2023 में ही विश्वविद्यालयों के मांगे जाने पर ही दी गयी थी. बावजूद विश्वविद्यालयों ने इस राशि का उपयोग नहीं किया. फिलहाल इस राशि के व्यय न करने पर शिक्षा विभाग ने सख्त एतराज जताया है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के पास परीक्षाफल अनुदान के रूप में नौ करोड़, बीएन मंडल विवि के पास तीन करोड़, तिलका मांझी विवि के पास 2.6 करोड़, एलएनएमयू के पास 15 करोड़, मगध विश्वविद्यालय के पास 18 करोड़ और जय प्रकाश विश्वविद्यालय के पास 10 करोड़ की परीक्षाफल आधारित अनुदान राशि बकाया है. इसके अलावा कई विश्वविद्यालयों में खुद शिक्षा विभाग ने ही राशि जारी नहीं की है. पे-रॉल मैनेजमेंट पोर्टल पर विवि गंभीर नहीं सामान्य तौर पर विश्वविद्यालयों के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की वेतन और रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन शिक्षा विभाग सीधे विश्वविद्यालय के खाते में डाल दिया करता था. अब शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया हैे वह स्वयं विवि के सभी कर्मियों का वेतन सीधे उनके खाते में डालेगा. इसके लिए उसने पे-रॉल मैनेजमेंट पोर्टल विकसित किया है. इस पोर्टल पर विवि को अपने सभी कर्मियों का विवरण अपलोड करना है. हालात यह है कि अधिकतर विश्वविद्यालयों ने इसमें आधी-अधूरी जानकारी ही भरी है. ऐसे में उनकी जुलाई की सैलरी लटकनी तय है. दरअसल विभाग ने साफ कर रखा है कि कर्मचारियों का विवरण पोर्टल पर बिना अपलोड हुए सैलरी जारी नहीं की जायेगी. सूत्रों के अनुसार 23 जुलाई तक की स्थिति में बाबा साहेब आंबेडकर विश्वविद्यालय ने अभी तक अपने 76%, तिलका मांझी विवि ने अपने 43 %, एलएनएमयू ने अपने 57 %, मुंगेर विवि ने 86 % , पूर्णिया विवि ने 74 % , मगध विवि ने 6%, पटना विवि केवल 3 %, पाटलिपुत्र विवि ने 32 % , वीर कुंवर सिंह विवि ने 56 % , केएसडीएस ने 95 और जय प्रकाश विवि ने अपने 48 % शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का विवरण पोर्टल पर अपलोड किया है.
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