Shravani Mela: श्रावणी मेला 2024 में सुल्तानगंज से उत्तरवाहिनी गंगा का जल उठाकर शिवभक्त बाबाधाम देवघर के लिए रवाना हो रहे हैं. सावन की शुरुआत से ही रोजाना लाखों की संख्या में कांवड़िये कांवड़िया पथ पर चल रहे हैं. सुल्तानगंज से करीब 100 किलोमीटर की यात्रा करके ये भक्त अपनी तपस्या संपन्न करते हैं. कांवड़ियों की सुरक्षा व सहूलियत के लिए कांवड़िया पथ पर प्रशासन की ओर से मजबूत इंतजाम किए गए हैं. लेकिन इस दौरान ऐसे भी कई मामले सामने आते रहे हैं जहां आए दिन कोई ना कोई कांवड़िया अपने जत्थे से बिछड़ रहा है. कांवड़िया पथ पर जिलेबिया मोड़ से एक के बाद एक करके दो कांवड़िए लापता हुए हैं जिनकी खोज जारी है.
दरभंगा की महिला कांवड़िया लापता
कांवड़िया पथ पर चल रहे शिवभक्त अपने ग्रुप से बिछड़ भी जाते हैं. ऐसे दो मामले हाल में सामने आए हैं जो चर्चे में है. दरअसल,बेलहर थाना क्षेत्र अंतर्गत जिलेबिया मोड़ से दरभंगा की एक महिला कांवड़िया लापता हो गयी. मामला लेकर उसके परिजन थाने पहुंचे और केस दर्ज कराया है. बताया कि 26 जुलाई को दरभंगा जिला के बहेड़ी थाना क्षेत्र अंतर्गत अटही गांव निवासी त्रिलोकी देवी अपने ग्रुप के साथ सुल्तानगंज से चली थी. 27 जुलाई को सभी जिलेबिया मोड़ पहुंचे लेकिन अचानक वहां से त्रिलोकी देवी लापता हो गयी. काफी खोजबीन के बाद भी वो नहीं मिली.
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मुजफ्फरपुर का एक कांवड़िया रहस्यमयी तरीके से गायब हुआ
इससे पहले जिलेबिया मोड़ से ही मुजफ्फरपुर का एक कांवड़िया लापता हुआ है. उसकी खोज एक सप्ताह के बाद भी जारी ही है. 24 जुलाई को सुल्तानगंज से जल लेकर विजय कुमार चला था. अपने ग्रुप के साथ विजय बाबाधाम जा रहा था. अचानक लापता होने के बाद उसने जिलेबिया मोड़ में किसी दूसरे व्यक्ति के फोन से कॉल करके बताया कि वो परेशानी में है. आपलोग आ जाइए. परिजन कुछ पता कर पाते उससे पहले वह फोन स्वीच ऑफ हो गया. एक सप्ताह बाद भी उसका कोई पता नहीं चल सका. लापता विजय के भाई शत्रुघ्न ने पुलिस थाने जाकर प्राथमिकी दर्ज करायी है.
बिछड़े कांवड़ियों को अपनों से मिलवा रहा प्रशासन
इधर, जिला प्रशासन भी बिछड़े कांवड़ियों को जत्थे से मिलाने के लिए लगातार प्रयासरत दिखा है. बांका के डीएम अंशुल कुमार के निर्देश पर बांका जिला अंतर्गत 55 किलोमीटर के क्षेत्र में पंद्रह सूचना केंद्रों के साथ-साथ अस्थायी थाना भी स्थापित किये गये हैं. जहां कांवड़ियों को खोयी हुई सामग्री व बिछुड़े हुए परिजनों से मिलाने का कार्य बखूबी किया जा रहा है. जिससे बांका जिला प्रशासन की खूब सराहना भी हो रही है. गुरुवार को झारखंड निवासी कांवरिया विशाल कुमार, उत्तरप्रदेश के बलिया निवासी कांवरिया प्रदीप कुमार व बनारस निवासी कांवरिया दीपक गुप्ता को दुम्मा बॉर्डर स्थित सूचना केंद्र की सहायता से उन्हें उनके परिजनों से मिलाया गया. वहीं कटिहार निवासी बच्चू सिंह को गोरियारी सूचना केंद्र की सहायता से मिलाया गया. दरभंगा निवासी कांवरिया वीणा देवी को अस्थायी थाना की मदद से परिजनों से मिला दिया गया.पूर्व में भी कई कांवड़ियों को अपनों से मिलवाया गया है.