DU admission : दिल्ली यूनिवर्सिटी ने यूजी कोर्सेज में एडमिशन को लेकर बड़ा ऐलान किया है. अगर सीयूईटी स्कोर से एडमिशन के बाद भी सीटें खाली रहती हैं, तो डीयू छात्रों को उनके 12वीं के अंकों के आधार पर एडमिशन देगा. दिल्ली यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर योगेश सिंह ने यह अहम घोषणा की है. उनका यह बयान विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा किये गये उस ऐलान के बाद आया, जिसमें कहा गया है विश्वविद्यालय सीयूईटी से एडमिशन के बाद सीटें खाली रहने पर अपनी प्रवेश परीक्षा करवा सकते हैं या क्वालीफाइंग एग्जाम में अंकों के आधार पर छात्रों को एडमिशन दे सकते हैं. यूजीसी के निर्देश पर प्रतिक्रिया देते हुए योगेश सिंह ने कहा कि हम यूजीसी के निर्देश का स्वागत करते हैं. हम भी इस बात को मानते हैं कि किसी भी पाठ्यक्रम में सीटें खाली नहीं रहनी चाहिए. हम यूजी कार्यक्रमों में खाली सीटों को भरने के लिए 12वीं के अंकों का उपयोग करेंगे.
डीयू समेत 46 केंद्रीय विवि में भी लागू होगा यह नियम
देश के 46 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में भी छात्रों को बारहवीं बोर्ड एग्जाम के स्कोर के आधार पर भी एडमिशन मिल सकता है. केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एडमिशन का प्राथमिक क्राइटेरिया कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) स्कोर ही रहेगा, लेकिन इसके आधार पर अगर किसी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में तीन या चार राउंड की काउंसलिंग के बाद सीटें खाली रह जाती हैं, तो उन्हें भरने के लिए कुछ रियायतें लागू होंगी. यूजीसी ने खाली सीटों को भरने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) जारी किया है.
एसओपी में कहा गया है कि…
- सीयूईटी की मेरिट के बाद भी सीटें खाली रहने पर यूनिवर्सिटी सीयूईटी में सब्जेक्ट क्राइटेरिया में छूट दे सकती हैं. उसके बाद भी सीटें खाली रहती हैं, तो यूनिवर्सिटी अपना एंट्रेंस टेस्ट भी आयोजित कर सकती हैं या क्वालीफाइंग एग्जामिनेशन के नंबरों से दाखिला दे सकती हैं.
- बीए, बीकॉम, बीएससी समेत ग्रेजुएशन कोर्स में क्वालीफाइंग एग्जाम 12वीं यानी बोर्ड के नंबर होंगे. वहीं पीजी कोर्सेज में दाखिले ग्रेजुएशन में मिले नंबरों के आधार पर हो सकते हैं.
- यूजीसी ने कहा है कि सभी कोर्सेज और प्रोग्राम में रिजर्वेशन रोस्टर लागू रहेगा. जिन स्टूडेंट्स का एडमिशन कुछ देर से होगा, उनके कोर्स को पूरा करवाने की जिम्मेदारी यूनिवर्सिटी को निभानी होगी.