संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर नौ अगस्त को काॅरपोरेट भारत छोड़ो कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मोतीझील स्थित कार्यालय में बैठक हुई. अध्यक्षता अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के रूदल राम ने की. किसान नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार किसानों के साथ वादा करने के बाद भी विश्वासघात की है. वह लगातार किसान आंदोलन का दमन कर रही है.देसी-विदेशी बड़े पूंजीपतियों को राष्ट्रीय संसाधनों व जल, जंगल, जमीन पर लूट की छूट दे रही है. जिसमें देश के किसान, मजदूर आदिवासी तबाह हो रहे हैं. सरकार एमएसपी की गारंटी नहीं दे रही है. किसानों ने चीनी मिल को चालू करने, डी बंदोपाध्याय भूमि सुधार आयोग के सिफारिश को लागू करने, बंटाईदार किसानों का रजिस्ट्रेशन कर उन्हें लाभ दिए जाने, स्मार्ट प्रीपेड मीटर योजना को रद्द करने, एमएस स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की मांगें रखी.
वक्ताओं ने कहा कि शहीद खुदीराम बोस स्मारक के पास से 9 अगस्त को कॉर्पोरेट भारत छोड़ो आह्वान के साथ प्रतिवाद मार्च निकलेगा. यह शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए क्लेक्ट्रेट पहुंच कर डीएम को मांग पत्र सौंपेगा. बैठक में एआइकेएस के मदन प्रसाद, एआइकेकेएमएस के लालबाबू महतो, एआइकेएमकेएस के राजू शाह, राजकुमार, बिहार राज्य किसान सभा के शंभुशरण ठाकुर, एआइकेएफ के भूप नारायण सिंह व लालबाबू महतो ने विचार रखे.
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