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जर्जर तार व पंचर इंसुलेटर. बूंदाबांदी हुई और बिजली हो गयी गुम

जर्जर तार व पंचर इंसुलेटर. बूंदाबांदी हुई और बिजली हो गयी गुम

प्रतिनिधि, मधेपुरा

हल्की बारिश बूंदाबांदी या फिर थोड़ी सी हवा चली नहीं कि जिला मुख्यालय से सटे ग्रामीण इलाकों की बिजली कट जाती है. रात-रात भर बिजली नहीं आती है, लोग बेहाल हो जाते हैं. लोग रतजगा को मजबूर हो जाते हैं. सरकार 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने का डंका पीट रही है. बिजली बिल के नाम पर फॉल्ट से युक्त स्मार्ट मीटर लगा एडवांस में वसूली कर रही है, लेकिन विद्युत उपभोक्ताओं को सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं मिल रहा है.

15 घंटे बाद दूर हुआ फाॅल्ट

गुरुवार की संध्या से बिजली आपूर्ति चरमरा गयी है. इंतजार करते लोग रात भर करवटें बदलते रहे, लेकिन बिजली वापस दोबारा शुक्रवार को तेज हवा बारिश के कई क्षेत्रों में बिजली में चालू हुई. ऐसा कोई पहली बार नहीं हुआ है. बीते पखवारे में जब भी बारिश या बूंदाबांदी हुई है, बिजली इसी तरह से पूरी रात बंद रही. उस पर यह तुर्रा कि ग्रामीण विभाग के अधिकारियों के सरकारी नंबर पर कॉल करने के बावजूद फोन तक नहीं उठाते हैं.

जर्जर एचटी व इंसुलेटर है परेशानी का सबब

33000 वोल्ट के सप्लाई लाइन का जर्जर होना व इंसुलेटर का लगातार पंचर होना परेशानी का सबब बना हुआ है. इसके बाधित होने से मधेपुरा ग्रामीण के अलावा मुरलीगंज, कुमारखंड भी प्रभावित हो जाता है. फीडर से जुड़े सभी इलाकों में एक साथ बिजली चली जाती है. कब तार ठीक होगा और कब इंसुलेटर ठीक होंगे, इसका जवाब विभाग के पास भी नहीं होता है. सिंहेश्वर नगर पंचायत में बिजली के तार पर वृक्ष गिर जाने से बिजली की स्थिति चरमरा गयी, लेकिन विभाग के कर्मचारियों द्वारा दोपहर में ठीक करने में लगे हुये थे.

किसी भी समय कट जाती है बिजली

प्रतिनिधि, फुलौत

चौसा प्रखंड के चंदा धनेशपुर, मोरसंडा, श्रीपुर, परबत्ता, अजगैबा, फुलौत त्रिवेणी टोला आदि में 24 घंटे में लगभग आठ से दस घंटे पवार कट होती है. सबसे ज्यादा कट रात को होती है, जिससे लोग ज्यादा परेशान होते हैं. सबसे बड़ी विडंबना है कि हल्की सी बारिश या हल्की हवा चलने पर भी घंटों लाइट काट ली जाती है. यह नियम बदस्तूर जारी रहता है .

पांच साल पहले की बिजली व्यवस्था आज भी है कायम

प्रतिनिधि, नयानगर

गर्मी की तपिश झेल रहे लोग को बिजली की अनियमित आपूर्ति से परेशान हैं. दिन में कई बार बिजली कट रही है. गर्मी की तपिश से बचने के लिए लोग पंखा, कूलर का सहारा लेते हैं, लेकिन लाइन कटते ही ये उपकरण बेकार साबित होते हैं. रात होते ही प्रतिदिन बिजली की आंख-मिचौली शुरू हो जाती है. विभागीय उदासीनता के कारण बिजली की नियमित सप्लाई नहीं दी जाती है. उदाकिशुनगंज विद्युत उपकेंद्र से जुड़े शाहजादपुर फीडर से संचालित बिजली आये दिन बाधित रहती है.

बिजली की आंख-मिचौली से हो रही परेशानी

प्रतिनिधि, ग्वालपाड़ा

गर्मी में बिजली की जारी आंख-मिचौली से लोग परेशान हैं. दिन व रात में लगातार कुछ-कुछ समय के लिए बिजली कट जाती है. कुछ दिन पहले तक बिजली की आपूर्ति ठीकठाक हो रही थी, लेकिन जुलाई के आखिरी सप्ताह से लेकर अब तक रह-रहकर पावरकट की परेशानी बढ़ गयी है. शाम के समय में शट डॉन लेकर एक फीडर को बंदकर दूसरे फीडर में विद्युत आपूर्ति करने से भी परेशानी बढ़ जाती है.

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