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सामूहिक सहभागिता से ही होगा फाइलेरिया का उन्मूलन

प्रखंड क्षेत्र में 10 अगस्त से संचालित होने वाले फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की सफलता को लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के परिसर में जनप्रतिनिधियों के साथ शुक्रवार को बैठक आयोजित की गयी.

मोहनपुर : प्रखंड क्षेत्र में 10 अगस्त से संचालित होने वाले फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की सफलता को लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के परिसर में जनप्रतिनिधियों के साथ शुक्रवार को बैठक आयोजित की गयी. अध्यक्षता प्रखंड विकास पदाधिकारी निगम झा ने की. संचालन करते हैं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अमित कुमार वर्मा ने कहा कि फाइलेरिया एक गंभीर रोग है. जो शरीर के अंग को विकृत कर देता है. साथ ही शरीर को अपंग भी बना देता है. अभियान की सफलता में सामूहिक सहभागिता की जरूरी है. इस बीमारी को रोकथाम के लिए एवं बचाव को लेकर हर व्यक्ति तक आवश्यक जानकारी पहुंचाने की जरूरत है. बीसीएम सुमन कुमार ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव को लेकर 2 से 5 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की एक गोली एवं एल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाना है. वहीं 6 से 14 वर्ष के बच्चों को डीईसी की दो गोली एवं एल्बेंडाजोल की एक गोली तथा 15 वर्ष से ऊपर आयु वाले लोगों को डीईसी की तीन गोली एवं एक एल्बेंडाजोल खिलाना है. कभी-कभी दवा खाने के प्रतिकूल असर शरीर पर दिखाई देते हैं. ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है. साथ ही इसे खाली पेट में भी नहीं खाना है. गर्भवती महिलाओं एवं 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को भी दवा नहीं खिलाना है. इस मौके पर अंचलाधिकारी भाग्यश्री राज, बीपीएम इंद्र कुमार कांती, बीईओ अजीत कुमार, पीसीआई एमएससी राजीव कुमार, पंचायत सचिव , मुखिया रीता देवी, बबिता देवी, रवि रंजन पासवान, रेखा देवी. अमरेंद्र कुमार सिंह, तारा देवी व एलएस मौजूद थे.

एमडीए अभियान के सफल क्रियान्वयन को लेकर नोडल शिक्षकों को मिला प्रशिक्षण

मोहिउद्दीननगर : एमडीए यानी मल्टी ड्रग्स एज्यूम अभियान के सफल क्रियान्वयन को लेकर को सीएचसी के सभागार में शुक्रवार को नोडल शिक्षकों को दो पालियों में प्रशिक्षण मिला. इस दौरान प्रशिक्षक राहुल सत्यार्थी ने कहा कि अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए अभी से ही अपनी-अपनी जिम्मेदारी में जुट जायें. वहीं इस बीमारी की रोकथाम एवं इससे बचाव को लेकर प्रत्येक व्यक्ति तक हर संभव आवश्यक जानकारियां उपलब्ध कराने की कोशिश करनी चाहिए. इस दौरान यूनिसेफ के बीएमसी अजय कुमार सिंह ने बताया कि 10 अगस्त से संचालित इस अभियान में फाइलेरिया से बचाव को लेकर 2 से 5 वर्ष के बच्चों को डीइसी की एक गोली और एल्बेंडाजोल की एक गोली, 6 से 14 वर्ष के बच्चों को डीइसी दो गोली व एल्बेंडाजोल की एक गोली तथा 15 वर्ष से ऊपर के लोगों को डीईसी की तीन गोली व एल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाई जायेगी. बताया गया कि खाली पेट दवा नहीं खानी है. साथ ही यह दवा खाने से कभी-कभी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, जिससे घबराने की कतई जरूरत नहीं है. वहीं, गर्भवती महिला एवं गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति के अलावा 2 वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों को दवा नहीं खिलाई जायेगी. वहीं प्रशिक्षुओं को डीईसी व एल्बेंडाजोल की गोलियां खिलाने के तौर तरीके बताये गये. प्रशिक्षण में करीब सौ शिक्षकों ने भाग लिया. इस मौके दयानंद कुमार भगत, शैलेंद्र कुमार सिंह, गजेंद्र प्रसाद आर्य, अब्दुल मालिक, मो. अख्तर हुसैन, जावेद आलम, इंदु कुमारी, पूजा कुमारी, कुमारी शिप्रा, प्रमोद कुमार, विनय कुमार, अखिलेश कुमार, अरुण कुमार, चंद्रमोहन गुप्ता, सुधीर राम, रूप कान्त मौजूद थे.

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