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मौसम की मार से किसान परेशान, लक्ष्य का 59 प्रतिशत हुआ खरीफ का आच्छादन

जिले के किसान मौसम की मार से परेशान हैं. इस साल फिर खरीफ की ताक पर मौसम ने दगा दे दिया है.

समस्तीपुर : जिले के किसान मौसम की मार से परेशान हैं. इस साल फिर खरीफ की ताक पर मौसम ने दगा दे दिया है. जून और जुलाई खेती की ताक पर बारिश नहीं होने से खरीफ की खेती पर इसका प्रतिकूल असर पड़ा है. जून में औसत वर्षापात से 77 प्रतिशत कम बारिश हुई. वहीं, जुलाई में भी औसत वर्षापात से 44 प्रतिशत कम बारिश हुई है. जिले की कृषि मौसम के भरोसे होती है. खरीफ फसल को लेकर जिला कृषि विभाग के द्वारा आच्छादन का लंबा चौड़ा लक्ष्य निर्धारित किया गया था. लेकिन, ताक पर वर्षा ने दगा दे दी. इस वर्ष जिले में खरीफ के सभी तरह के फसलों के आच्छादन का लक्ष्य 121973.67 हेक्टेयर में रखा गया था. इसके एवज में अबतक सभी फसलों का आच्छादन 72949.237 हेक्टेयर में हुआ है. यह कुल लक्ष्य का 59.81 प्रतिशत है. वहीं, खरीफ की सबसे महत्वपूर्ण फसल धान की खेती का लक्ष्य 77376.2 हेक्टेयर में रखा गया था, इसकी जगह जुलाई के अंत तक 43981 हेक्टेयर में धान की खेती हुई. यह कुल लक्ष्य का 56.84 प्रतिशत है. धान की कम खेती पर जिलाधिकारी योगेन्द्र सिंह ने नाराजगी जताते हुए विभाग को लक्ष्य पूरा कराने का निर्देश भी दिया है. धान की खेती के लिए लक्ष्य का शत-प्रतिशत बिचड़ा भी जिले में गिरा लिया गया है. किसानों 7737 हेक्टेयर में धान का बिचड़ा गिराया है, लेकिन वर्षा के अभाव में किसान शत-प्रतिशत रोपाई नहीं कर सके हैं. धान की खेती अधिसंख्य किसान वर्षा के भरोसे ही करते हैं. किसानों का कहना है कि सिंचाई साधन के जरिये धान की खेती मुश्किल है. खासकर महंगे डीजल से धान की फसल की सिंचाई करना घाटे का सौदा है. धान की खेती के लिए खेत में भरपूर पानी की जरूरत है. लगातार जारी सुखाड़ के कारण धान के बिचड़े भी मुरझाने लगे हैं, वहीं, धान लगी खेतों में पानी के अभाव में दरारें पड़ रही है. पिछले 24 घंटे में मौसम में कुछ बदलाव आने से किसानों को आशा की किरण दिख रही है. हालांकि, बारिश हल्की हुई है, फिर भी किसान खुश दिख रहे हैं. किसानों खरीफ मक्का की खेती लक्ष्य 60.64 प्रतिशत की है. जिले में 25141.97 हेक्टेयर में खरीफ मक्का की खेती का लक्ष्य रखा गया है, इसके एवज में अबतक 15245.87 हेक्टेयर में खेती हुई है. मड़ुआ की खेती लक्ष्य का 22.61 प्रतिशत हुआ है. जिले में 781.43 हेक्टेयर में मड़ुआ की खेती का लक्ष्य रखा गया है, इसके एवज में अबतक 176.72 हेक्टेयर में मड़ुआ की खेती हुई है. खरीफ दलहन की खेती लक्ष्य का 53.43 प्रतिशत हुई है. सभी तरह के दलहन की खेती का लक्ष्य 4707.77 हेक्टेयर में रखा गया था, इसके एवज में 2551.46 हेक्टेयर में दलहन की खेती हुई है. वहीं, तेलहन की खेती 27.49 प्रतिशत हुई है. तेलहन की खेती का लक्ष्य 780 हेक्टेयर में रखा गया है, इसके एवज में 214.47 हेक्टेयर में तेलहन की खेती हुई है. ज्वार की खेती लक्ष्य का 63.91 प्रतिशत हुई है. ज्वार की खेती का लक्ष्य 1465 हेक्टेयर में रखा गया था, इसके एवज में 936.22 हेक्टेयर में हुई है. बाजरा की खेती की लक्ष्य का 42.2 प्रतिशत हुई है. बाजरा की खेती का लक्ष्य 199.2 हेक्टेयर में रखी गयी थी, इसके एवज में 81.71 हेक्टेयर में बाजरा की खेती हुई है. वहीं ईंख की खेती शतप्रतिशत हुई है. इस बार जिले में 926.5 हेक्टेयर में ईंख की खेती का लक्ष्य रखा गया था.

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