आसनसोल. आसनसोल नॉर्थ थाना क्षेत्र के कल्ला सेंट्रल हॉस्पिटल इलाके के निवासी देबाशीष चक्रवर्ती को साइबर अपराधियों ने अपने झांसे में लेकर 36.89 लाख रुपये का चूना लगा दिया. पिछले ग्यारह माह से वे यूनाइटेड किंगडम (यूके) की अपनी महिला मित्र लिंडा मॉर्गन को बचाने और उसके डॉलर को छुड़ाने के चक्कर में यह सारे पैसे गंवा दिए. जब उन्हें समझ आया कि साइबर अपराधियों के चंगुल में फंस गये हैं तब तक काफी देर हो चुकी थी. उनके शिकायत के आधार पर साइबर क्राइम थाना में कांड संख्या 65/24 में आइपीसी की धारा 419/420/406/120बी और आइटी एक्ट 2000 की धारा 66/66सी/66डी के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई है. श्री चक्रवर्ती ने अपनी शिकायत में कहा है कि 14 अगस्त 2023 को फेसबुक के माध्यम से यूके के ग्लास्गो शहर की निवासी लिंडा मॉर्गन से उनकी दोस्ती हुई. लिंडा ने 26 अगस्त को भारत आने की इच्छा जतायी. उसी दिन 81310-28491 नम्बर से उनके मोबाइल फोन पर कॉल आया. कॉल करनेवाले ने खुद एक कस्टम अधिकारी रेणु वर्मा बताया और कहा कि लिंडा मॉर्गन से भारी मात्रा में नकदी/ड्राफ्ट बरामद किया गया है, जिसके लिए साढ़े तीन लाख रुपये जुर्माना लगेगा, जिसके बाद उसे रिहा कर दिया जाएगा. लिंडा ने उसे भरोसा दिलाया कि यहां से निकलने के बाद वह सारे पैसे लौटा देगी. श्री चक्रवर्ती ने उनके बताए हुए खातों में साढ़े तीन लाख रुपये का भुगतान कर दिया. उसके बाद लिंडा मॉर्गन के डॉलर का लालच दिखाकर विभिन्न बहानों से श्री चक्रवर्ती से 33.39 लाख रुपये 27 अगस्त 2023 से 24 अप्रैल 2024 के बीच बसूले. श्री चक्रवर्ती को दिल्ली बुलाया गया, वहां जाने पर एक नम्बर लॉकवाला बॉक्स सौंपा गया और कहा गया कि इस बॉक्स में काफी डॉलर है जिसे निकालने के लिए इसे एक तरल पदार्थ में डाला जाएगा. जिसकी कीमत 30 लाख रुपये है. जिसके बाद उनका 36.89 लाख रुपये भी वापस मिल जाएगा. श्री चक्रवर्ती को समझ आ गया कि वे लिंडा के डॉलर के चक्कर में साइबर ठगों के चक्कर में फंस चुके है. इतने दिनों तक श्री चक्रवर्ती को जिन नम्बरों से फोन कॉल और मैसेज आया था, सारे नम्बरों को देकर उन्होंने साइबर क्राइम थाना में शिकायत दर्ज की.
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