संवाददाता, पटना करीब पांच सालों में बिजली कंपनी ने मेंटेनेंस के नाम पर करीब 8 करोड़ रुपये खर्च कर दिये गये लेकिन हल्की बारिश में ही शहर की बिजली गुल हो जा रही है. शहर में बिजली सप्लाइ कर रही कंपनी साउथ बिहार पावर ड्रिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड ने करीब आठ महीनों में लगभग 120 किलोमीटर तक नये तार लगाये व 8000 नये बिजली के खंभे भी लगाये गये. . लेकिन उसके बावजूद बिजली कंपनी न आज तक लोड का आकलन कर पायी, न तो उचित फीडरों के हिसाब से ट्रांसफॉर्मर लग पाये. पिछले तीन दिनों में औसतन 30 से अधिक मुहल्लों में अलग-अलग कारणों से बिजली बाधित रही. इसके कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. हर साल बारिश व आंधी के बाद बिजली संकट गहराता है. इसका कारण मेंटेनेंस के नाम पर औपचारिकता का होना है. क्योंकि हर साल मेंटेनेंस में पेड़ की छंटाई व लूज तारों व जंपर को टाइट किया जाता है. इसके बावजूद बीते तीन दिनों में बारिश व आंधी की वजह से शॉर्ट सर्किट और आपस में फीडर टकराने की समस्या खत्म नहीं हाे रही है. वहीं गर्मी के दिन में लोड अधिक होने की वजह से ट्रांसफॉर्मर जलने की समस्या अब भी बनी रहती है. मालूम हो कि इस साल 31 मई को लोड अधिक होने की वजह से 12 ट्रांसफॉर्मर एक दिन में जल गये थे. शहर के इन हिस्सों में बिजली कट की समस्या अधिकशहर के गर्दनीबाग, अलकापुरी, राजीव नगर, इंद्रपुरी, राजापुर, मैनपुरा, नेहरुनगर, जीएम रोड, अशोक राजपथ, ट्रांसपोर्ट नगर इलाकों में बिजली कटने की शिकायत अधिक बनी रहती है. हालांकि पेसू ने उपभोक्ताओं की शिकायत को निबटाने के लिए पांच नये फ्यूज कॉल सेंटर खोले हैं. लेकिन फिर भी संकट से निजात नहीं मिल रही है.
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