Dengue: पटना. बिहार में डेंगू के आठ नये मरीज पाये गये हैं. इसमें सर्वाधिक पांच डेंगू मरीज पटना जिले में पाये गये हैं ,जबकि एक मरीज गया और एक मरीज जमुई जिले में पाया गया है. डेंगू के क्रॉस नोटिफिकेशन के तहत एक अन्य मरीज की भी पहचान डेंगू पीड़ित के रूप में हुई है. इसके साथ ही राज्य में जनवरी से अबतक कुल 315 डेंगू के मरीज पाये जा चुके हैं. बिहार में पाये गये अब तक के डेंगू मरीजों में पटना जिला में सर्वाधिक 106 मरीज पाये गये हैं ,जबकि इसके अलावा गया जिले में 30, मुजफ्फरपुर जिले में 22, सीवान जिले में 11 और मधुबनी जिले में 10 डेंगू के मरीज पाये गये हैं. शेष अन्य जिलों में डेंगू के मरीजों की संख्या 10 से कम पायी गयी है.
डेंगू को लेकर जहानाबाद में किया गया अलर्ट
बरसात का मौसम देखते हुए जहानाबाद जिले में भी डेंगू रोग को लेकर अलर्ट कर दिया गया है. जिले के सदर अस्पताल सहित विभिन्न अस्पतालों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में संभावित डेंगू मरीज की चिकित्सा को लेकर तमाम जरूरी प्रबंध करने का निर्देश दिया गया है. हालांकि जहानाबाद जिले में अभी तक डेंगू का कोई केस सामने नहीं आया है, इसके बावजूद जिले में एहतियात बरता जा रहा है. डेंगू का कहर बरसात आने के बाद शुरू हो जाता है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा इसके लिए सभी अस्पतालों को अलर्ट रहने और बचाव तथा इलाज की सारी सुविधाएं जुटा लेने का निर्देश दिया गया है. जहानाबाद सदर अस्पताल में डेंगू का एक अलग वार्ड खोला गया है. अन्य अस्पतालों को भी डेंगू वार्ड खोलने का निर्देश दिया गया है.
सावधान रहकर ही बचा जा सकता है डेंगू से
डेंगू एक जानलेवा बीमारी है. इससे बचा जा सकता है अगर लोग पूर्व से ही सावधानी बरतें और डेंगू को फैलाने वाले मच्छरों को पनपने ही न दें. अपने आसपास के क्षेत्र को साफ सुथरा रखकर डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर के प्रजनन को रोक सकते हैं, जिसके कारण डेंगू के प्रसार पर नियंत्रण पाया जा सकता है. इसके लिए साफ- सफाई के अलावे हम अपने आसपास किसी प्रकार का पानी जमा न होने दें , जिसमें कि मच्छर पनप सके और अपना लारवा छोड़ सके. डेंगू फैलाने वाला एडीज मच्छर साफ पानी में फैलता है, इसलिए अपने घरों में कूलर, फ्रिज, गमला, टूटे बर्तन, आसपास के गड्ढे पानी, टंकी आदि की बराबर सफाई करते रहे और उसका पानी बदलते रहे. घर के आसपास भी साफ- सफाई की बेहद जरूरत है.
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डेंगू क्यों है खतरनाक
डेंगू बुखार को आमतौर पर हड्डी तोड़ बुखार के रूप में भी जाना जाता है, जो एक फ्लू जैसी बीमारी है और यह डेंगू वायरस के कारण होती है. जब वायरस वाला एडीज मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार अनुमानत 5 लाख लोगों को हर साल डेंगू के कारण अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ती है.
डेंगू के कारण
डेंगू चार वायरसों के कारण होता है, डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3 और डीईएनवी-4
डेंगू के लक्षण
आमतौर पर डेंगू बुखार के लक्षणों में एक साधारण बुखार होता है और किशोरों एवं बच्चों में इसकी आसानी से पहचान नहीं की जा सकती. डेंगू में 104 फारेनहाइट डिग्री का बुखार होता है, जिसके साथ इनमें से कम से कम दो लक्षण होते हैं.
- सिर दर्द
- मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द
- जी मिचलाना
- उल्टी लगना
- आंखों के पीछे दर्द
- ग्रंथियों में सूजन
- त्वचा पर लाल चकत्ते होना
- तीन प्रकार के बुखार होते हैं
- हल्का डेंगू बुखार
डेंगू का उपचार
डेंगू बुखार का कोई विशिष्ट उपचार नहीं है, क्योंकि डेंगू एक वायरस है. लक्षण के अनुसार इसका इलाज किया जाता है. टायलेनोल या पैरासिटामोल जैसी दर्द निवारक दवाएं आमतौर पर रोगियों को दी जाती हैं. गंभीर डिहाइड्रेशन के मामले में कभी-कभी आइवी ड्रिप्स प्रदान की जाती हैं. हाइड्रेटेड रहें. यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि हमारे शरीर के अधिकांश तरल पदार्थों का उल्टी और तेज बुखार के दौरान ह्रास हो जाता है। तरल पदार्थों के लगातार सेवन से यह सुनिश्चित हो जाता है कि शरीर आसानी से डिहाइड्रेट नहीं होगा.