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गंगा के जल स्तर में बढ़ोतरी जारी, चेचियाही ढाब में बाढ़ का पानी घुसा

अगस्त का महीना आते ही गंगा के जलस्तर में तेजी से वृद्धि शुरू हो गयी है. जिससे गंगा किनारे के गांव के समीप कटाव भी तेजी से जारी है.

बलिया. अगस्त का महीना आते ही गंगा के जलस्तर में तेजी से वृद्धि शुरू हो गयी है. जिससे गंगा किनारे के गांव के समीप कटाव भी तेजी से जारी है. गंगा के जलस्तर में वृद्धि करीब 10 सेंटीमीटर प्रति घंटा की आंकी जा रही है. शुक्रवार एवं शनिवार को वृद्धि की रफ्तार अप्रत्याशित देखी गयी. जिससे चेचियाही ढाब में एक बार पुनः बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. बाढ़ का पानी चेचियाही ढाब के जलग्रहण इलाकों में धीरे-धीरे फैलने लगी है. जिससे सैकड़ों एकड़ खरीफ की फसल में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. जलस्तर में हो रही तेजी से वृद्धि के कारण क्षेत्र के किसान संभावित बाढ़ की आशंका से सहमे हुये हैं. बताया जाता है कि प्रखंड क्षेत्र के भवानंदपुर, ताजपुर, पहाड़पुर, परमानंदपुर पंचायत पूरी तरह बाढ़ प्रभावित है. जबकि फतेहपुर एवं भगतपुर पंचायत के आशिक भाग भी बाढ़ से प्रभावित होती है. बाढ़ के कारण प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांवों की 60 हजार से अधिक की आबादी को आवागमन की मुश्किलें तो पैदा हो ही जाती है. साथ ही पीने का स्वच्छ पानी एवं खाद्य पदार्थ की भी कमी होने लगती. सबसे ज्यादा मुश्किलें तो गर्भवती महिलाओं एवं बीमार मरीजों को हो जाती है. जिन्हे अस्पताल ले जाने के लिये नाव ही एक मात्र सहारा रहता है. जिससे घंटों का सफर तय कर लोग शहर तक पहुंचते हैं. वहीं दूसरी और बाढ़ आने से दियारा क्षेत्र की हजारों एकड़ भूमि में लगे खरीफ की फसल भी बर्बाद हो जाती है. जिससे स्थानीय किसानों की आमदनी घट जाती है. प्रत्येक वर्ष आने वाली बाढ़ से दियारा वासियों को आजादी के 70 साल बाद भी निजात नहीं मिल पाई है. दूसरी और संभावित बाढ़ को देखते हुये स्थानीय प्रशासन के द्वारा बाढ़ पूर्व तैयारी पूरी कर ली गयी है. इस संबंध में सीओ रवि कुमार ने बताया कि संभावित बाढ़ को देखते हुये 47 नीजि नाव मालिकों से एकरारनामा किया गया है. जो बाढ़ आने की स्थिति में विभिन्न रूटों पर चलाया जायेगा. राहत शिविर के लिये स्थल चिन्हित कर लिया गया है. जहां पीडि़तों के लिये बिजली, पानी एवं शौचालय की सुबिधा उपलब्ध रहेगी. उन्होंने बताया कि बाढ़ आने पर सामुदायिक किचन भी चलाये जाएंगे. उन्होंने बताया कि संभावित बाढ़ को देखते हुये 12 गोताखोरों को रखा गया है साथ ही एक महाजाल भी मंगाये गये हैं. सीओ ने बताया कि सरकार द्वारा इस बार बाढ़ के दौरान राहत शिविर में गर्भवती महिलाओं द्वारा पुत्री को जन्म देने पर 15 हजार एवं पुत्र को जन्म देने पर 10 हजार प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान रखा गया है. वहीं इस बार बाढ़ पीडित परिवार को घर के मुखिया जिसमें महिला के खाते में सात हजार रूपये की राशि दी जायेगी. साथ ही अनुमंडलीय अस्पताल एवं पशु अस्पताल के प्रभारी को भी उचित मात्रा में दवा का भंडारन कर लेने के निर्देश दिये गये हैं. इसके अलावे पशु चिकित्सा पदाधिकारी को पशुओं के लिये शेड एवं चारे की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने बताया कि गंगा किनारे के तीन घाटों को संवेदनशील घोषित किया गया है. जहां वोर्ड लगा दी गयी है. उन्होंने बताया कि इस बार बाढ़ आने पर स्थानीय स्तर पर हेल्फ लाईन भी खोला जायेगा. जहां से पीडि़तों को मदद मिलेगी.

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