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बारिश से नगर निगम क्षेत्र फिर से नरक में तब्दील

पिछले तीन दिनों से आंधी, तेज हवा के साथ रूक-रूक कर हो रही मॉनसून की बारिश से एक बार फिर किसानों में उत्साह का संचार हुआ है.

प्रतिनिधि, सहरसा. पिछले तीन दिनों से आंधी, तेज हवा के साथ रूक-रूक कर हो रही मॉनसून की बारिश से एक बार फिर किसानों में उत्साह का संचार हुआ है. वे फिर से धान की रोपनी में जुट गये हैं. वहीं इस बारिश से शहरी क्षेत्र नारकीय बन गया है. निगम क्षेत्र के लगभग सभी 46 वार्ड जल जमाव की चपेट में पूरी तरह आ गये हैं. लोगों के घरों तक में पानी प्रवेश करने लगा है. हालात बदतर होते जा रहे हैं. इधर, मौसम विभाग ने अगले सात दिनों तक झमाझम बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है. तेज व मध्यम बारिश से किसानों को काफी लाभ मिल रहा है. धान की रोपनी जिले में तेज गति से जारी है. वहीं शहरी क्षेत्र भीषण जल जमाव की चपेट में है. नगर निगम की सभी तैयारी लगातार हो रही बारिश के आगे पूरी तरह फेल है. लगातार नये क्षेत्रों में जल जमाव हो रहा है. जिससे लोगों की कठिनाई बढ़ गयी है. पिछले दो दिनों से कभी मध्यम तो कभी तेज बारिश ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. शनिवार को भी जमकर बारिश हुई. इस बारिश से लोगों को तेज गर्मी से बडी राहत अवश्य मिली है, लेकिन जल जमाव ने इस राहत पर पानी फेर दिया है. किसानों के लिए यह बारिश वरदान साबित हो रहा है. वहीं नगर निगम क्षेत्र के वार्डों में जल जमाव होने से लोगों के बीच संक्रमण का भय सताने लगा है. जल जमाव की समस्या को लेकर लोग भयभीत हो रहे हैं. जबकि मौसम विभाग ने अगले सात दिनों तक मध्यम से तेज बारिश की संभावना जताते येलो कार्ड जारी किया है. इस बारिश ने लोगों को घर से निकलना दूभर कर दिया है. शहर की अधिकांश वार्ड में जल जमाव एवं सड़कों पर बने गड्ढों पर जमा पानी से लोगों को आने-जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. बारिश से शहरी क्षेत्र में जल जमाव गहराता जा रहा है. नाला विहीन अधिकांश वार्डों में जल जमाव से लोग परेशान हो गये हैं. जबकि निगम के जिम्मेदार आज भी इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रहे हैं. शहरी क्षेत्र को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है. जिम्मेदार बने हैं लापरवाह मॉनसून की हो रही बारिश से नगर निगम क्षेत्र फिर से नरक में तब्दील हो रहा है, लेकिन निगम के जिम्मेदारों ने लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है व चैन से बैठे हैं. जबकि नगर निगम बनने के बाद लोगों को इस नारकीय जीवन से राहत मिलने की आशा जगी थी, लेकिन लोगों की आशाओं पर पानी फिरता दिख रहा है. ना ही क्यूआरटी टीम कहीं दिख रही है. ना ही जल जमाव से राहत के लिए अबतक कोई कार्य लोगों को नजर आ रहा है. सभी वार्डों में त्राहिमाम की स्थिति बनी है. मुख्य सड़क से लेकर वार्डों में जल जमाव की गंभीर समस्या बनी हुई है. इस जल जमाव में प्रतिदिन बढ़ोत्तरी हो रही है. वार्ड पार्षद से लेकर नगर आयुक्त, उपायुक्त, महापौर, उप महापौर सभी चुप लगाये बैठे हैं. राहत की कहीं से भी उम्मीद नजर नहीं आ रही है. सिर्फ कागजों पर खेल बदस्तूर जारी है. सभी वार्डों में है जल जमाव की स्थिति शहरी क्षेत्र के सभी मुख्य चौक चौराहों पर जल जमाव के कारण लोगों का घरों से निकलना खतरे से खाली नहीं रह गया है. जल जमाव के कारण दो चक्के वाहन से लेकर रिक्शा, ई-रिक्शा एवं बड़े वाहन दुर्घटना ग्रस्त हो रहे हैं. बारिश के कारण शहरी क्षेत्र के लगभग सभी वार्डो में जल जमाव की स्थिति बन गयी है. शहर के रिफ्यूजी कॉलोनी चौक, बटराहा, महावीर चौक, मीर टोला, न्यू कॉलोनी, कोसी चौक, शिवपुरी, गंगजला, विद्यापति नगर, हटिया गाछी, तिवारी टोला सहित अन्य जगहों पर जल जमाव होने से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. अगले सात दिनों तक होगी बारिश पिछले तीन दिनों से हो रही वर्षा से जनजीवन प्रभावित हो गया है. मॉनसून की यह बारिश अगले सात दिनों तक लगातार होने की संभावना मौसम विभाग द्वारा जतायी गयी है. साथ ही बारिश को देखते येलो अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग के अनुसार शनिवार को 22 एमएम बारिश हुई है. वहीं रविवार को 65 एमएम, सोमवार को 25 एमएम, मंगलवार को 25 एमएम एवं बुधवार को 30 एमएम बारिश की संभावना व्यक्त की गयी है. अगवानपुर कृषि महाविद्यालय के मौसम विभाग के तकनीकी पदाधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि अगले सात दिनों के अंदर मध्यम से तेज बारिश एवं वज्रपात की संभावना है. उन्होंने बताया कि अगस्त में अबतक 50 एमएम से अधिक बारिश हो चुकी है. जबकि अगले चार दिनों में लगभग 150 एमएम से अधिक बारिश होने की पूरी संभावना है. उन्होंने बताया कि आगे मॉनसून सामान्य रहने की संभावना है. बारिश शुरू होने से किसानों के चेहरे पर दिखने लगा मुस्कान सौरबाजार. बारिश रुक जाने के कारण रोपनी की गयी धान के खेतों में पानी की जगह सूखकर दरारें फट रही थी. इस कारण किसान काफी चिंतित हो रहे थे, लेकिन शुक्रवार से शुरू हुई बारिश ने किसानों के चेहरे पर मुस्कान लौटा दी है. धान के खेतों में अब दरार की जगह पानी दिखने लगा है. कुछ किसानों ने पंपिंग सेट के सहारे खेतों में पानी देना भी शुरू कर दिया था, लेकिन उस पानी से धान को कोई ज्यादा लाभ नहीं मिल पा रहा था. सौरबाजार प्रखंड क्षेत्र के बैजनाथपुर निवासी किसान रमेश यादव, भवानीपुर के किसान रामविलास यादव, कैलाश यादव, अजगैबा के किसान पूर्व मुखिया अंजनी यादव, खजुरी के किसान प्रमोद यादव, सपहा के पवन यादव समेत अन्य कई किसानों से जब बात की गयी तो उन्होंने कहा कि धान के फसल को पानी पर्याप्त मात्रा में चाहिए. जिसके लिए बर्षा होना नितांत आवश्यक है. पंपिंग सेट के पानी से काम चलने वाला नहीं है, उन्होंने कहा कि धान, पान नित्य स्नान अर्थात धान और पान की फसल में अगर रोज भी वर्षा हो तो कोई बात नहीं, वह उन्हें लाभ हीं पहुंचायेगा. धान की रोपनी अब लगभग समाप्त होने के कगार पर है. किसान अब उनमें यूरिया और डीएपी का छिड़काव कर रहे हैं. किसानों ने कहा कि यदि मौसम अनुकूल रहा तो इस बार धान की फसल अच्छी होने की संभावना है.

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