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मूसलाधार बारिश के साथ तेज हवा चलने से केला की फसल हुई बर्बाद

दूसरी ओर मूसलाधार बारिश होने से मखाना व धान की खेती करने वाले किसानों के चेहरे पर आयी खुशी

कोढ़ा. अचानक मौसम के बदलने से जहां गर्मी से लोगों को राहत मिली है. दूसरी ओर तेज आंधी ने एक बार फिर किसानों को रुला दिया है. मूसलाधार बारिश के साथ तेज हवा के कारण कोढ़ा प्रखंड अंतर्गत पवई, फुलवरिया, मखदमपुर, मधूरा, महीनाथपुर पंचायत सहित प्रखंड के अन्य पंचायतों के केला किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है. तेज हवा के कारण केला फसल को नुकसान हुआ है. तेज हवा होने के कारण कई जगहों पर बड़े-बड़े वृक्ष टूट कर गिर पड़े1 हालांकि कहीं से जानमाल की नुकसान होने की सूचना नहीं है1 कोढ़ा नगर पंचायत किसान शिव शंकर साह, गोपी साह, पवई पंचायत के किसान शहजहां उबेद आलम, रामू मेहता ने बताया कि मूसलाधार बारिश के साथ-साथ तेज हवा के कारण केला फसल गिर गया है. कृषि पदाधिकारी नवीन कुमार ने बताया कि जिन किसानों के फसल की क्षति हुई है. उनकी सूची बनाकर वरीय अधिकारी को दे दी जायेगी. जिस तरह का दिशा निर्देश दिया जायेगा किसानों को हर संभव मदद की जायेगी.

मूसलाधार बारिश से धान की फसल को पहुंचा फायदा

प्रतिनिधि, कदवा प्रखंड क्षेत्र में लगातार दो दिनों से हो रही बारिश के कारण क्षेत्र के लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली है. क्षेत्र के किसानों में काफी हर्ष का माहौल व्याप्त है. जिन किसानों के खेतों में पहले धान रोपनी का कार्य हो गया था. फिर बाढ़ का पानी घुस गया. जिसके कारण पूरा धान का पौधा ही डूब गया और गल गया. उन किसानों के लिए यह बारिश वरदान साबित हुआ है. बारिश के होने से किसान अपने खेतों में फिर से धान की रोपनी कर रहे है. जिन किसानों के फसल लगे खेतों में पानी की कमी के कारण दरारें पड़ गयी थी. उन फसलों को भी इस बारिश के पानी से काफी राहत पहुंचा है.

बारिश से किसानों में खुशी की लहर, धान की खेती को पहुंचा लाभ

बलिया बेलौन. शुक्रवार के शाम से मूसलाधार बारिश से धान की खेती के लिए वरदान साबित हो रहा है. धान की खेती के लिए यह बारिश लाभकारी साबित होने की उम्मीद है. इससे किसानों में हर्ष व्याप्त है. किसान ढोमा, चमरू, हबीबुल, अरमान आदि ने बताया की अभी धान की रोपनी हुआ है. इस समय इस तरह की बारिश से धान की खेती के लिए लाभकारी है. इस वर्ष धान का उपज अच्छी होने की उम्मीद जगी है. विगत दो वर्षों से समय पर बारिश नहीं होने से धान का उपज काफी कम हो गया था. धान की फसल देखकर किसानों का चेहरा खिल उठा है.

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