मांडर. नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी रविवार को मांडर में पांच दिनों से अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे मुखिया संघ से मिलने पहुंचे. मुखिया संघ सरवा पंचायत की मुखिया प्रभा किस्पोट्टा को गलत तरीके से निलंबित करने के विरोध में 31 जुलाई से धरना पर बैठे हैं. श्री बाउरी ने मुखिया संघ के अलावा प्रभा किस्पोट्टा से निलंबन के संबंध व कारण की जानकारी ली. वहीं उपायुक्त से मोबाइल पर बात कर कहा कि प्रभा किस्पोट्टा को सरवा पंचायत की जनता ने मुखिया बनाया है या कांग्रेस ने पद उन्हें तोहफे में दिया है. उन्होंने डीसी से निलंबन का कारण पूछा. साथ ही कहा कि यहां के जनप्रतिनिधि आदिवासी हितैषी होने का चोला पहन सरना समाज के लोगों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. नेता प्रतिपक्ष ने आश्वस्त कराया कि एक सप्ताह के अंदर वह मुखिया संघ के प्रतिनिधिमंडल के साथ पंचायती राज के सचिव से मिलेंगे. राजनीतिक दबाव में जिस किसी पदाधिकारी ने नियम विरुद्ध प्रभा किस्पोट्टा को निलंबित करने के आदेश पर हस्ताक्षर किया है, वह खुद निलंबित होगा. यहां मुखिया के अधिकारों का हनन हो रहा है. उन्होंने कहा कि लगातार आदिवासियों पर जुल्म हो रहा है. रांची में आदिवासी पुलिस अफसर की हत्या कर दी गयी, लेकिन राज्य सरकार कुछ बोलने को तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि मांडर की निलंबित मुखिया की लड़ाई में भाजपा मुखिया संघ के साथ है. जरूरत पड़ेगी, तो राज्य के सभी मुखिया के साथ राज्य सरकार को घेरने का काम किया जायेगा इस दौरान मुखिया संघ ने अमर कुमार बाउरी को मांग पत्र भी सौंपा. उनके आश्वासन पर प्रखंड मुखिया संघ के अध्यक्ष लक्ष्मण भगत ने हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की. मौके पर भाजपा नेता सन्नी टोप्पो, पूर्व विधायक गंगोत्री कुजूर, भाजपा नेत्री नीतू कुजूर, विजय महतो, सतीश शाह, राजनाथ सिंह, अरविंद सिंह, कैलाश प्रसाद, नारायण भगत, रामबालक ठाकुर, शफीक आलम आदि मौजूद थे.
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