प्रतिनिधि, बनमा ईटहरी. जिले का एकमात्र ऐसा सरकारी उप स्वास्थ्य केंद्र, जहां रविवार को यह बंद रहता है. अगर गलती से कोई इलाज कराने पहुंच जाये तो उसे बैरंग लोटना पड़ता है, जबकि निर्देशानुसार रविवार को यह अस्पताल खुला रहेगा, डॉक्टर भी आयेंगे और मरीज का इलाज भी होगा, लेकिन ऐसा कुछ भी होता नहीं दिख रहा है. यहां पदस्थापित स्वास्थ्य कर्मी रविवार को अवकाश पर रहते हैं. दरअसल रविवार को बाजार समिति के शटर लगे दुकान में चलने वाली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तेलियाहाट में रविवार को एक कमरा छोड़कर बाकी के चार कमरा में ताला लटका हुआ नजर आया. स्थिति से अवगत होने के लिए जब आसपास के ग्रामीणों से बातचीत की तो ग्रामीणों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तेलियाहाट को शटर वाला अस्पताल बताते हुए अस्पताल की पूरी बदहाली सुना डाली. ग्रामीणों ने बताया कि सुबह से कई मरीज इलाज कराने अस्पताल पहुंचे, लेकिन डॉक्टर की अनुपस्थिति के कारण निराश होकर वापस लौटना पड़ा और मजबूरी में निजी अस्पताल में इलाज करवाना पड़ा है. ग्रामीणों ने कहा कि सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की मनमानी से तेलियाहाट बाजार में बने बिना रजिस्ट्रेशन के निजी क्लिनिक फल-फूल रहा है. हर रविवार को अस्पताल से डॉक्टर नदारद रहते हैं. वहीं अस्पताल के एक कमरे में बैठी एएनएम साधना कुमारी ने बताया कि आज डॉ शाहीन फात्मा की ड्यूटी है, लेकिन वह नहीं आयी हैं. इसके अलावा सप्ताह के अन्य दिन भी अस्पताल किसी दफ्तर कार्यालय की तरह सुबह 10 बजे खुलता है और शाम के चार बजते ही अस्पताल में ताला लग जाता है. करीब पचास हजार की आबादी वाले इस क्षेत्र में अस्पताल में लोगो को बेहतर स्वास्थ्य सेवा के नाम पर ठगा जा रहा है. सरकारी स्वास्थ्य सेवा के लिए लोग जाते है अनुमंडलीय अस्पताल मरीजों को इमरजेंसी में सिमरी बख्तियारपुर, सोनवर्षा या फिर सदर अस्पताल सहरसा पर निर्भर रहना पड़ता है. वहीं जब इस विषय में अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर शाहीन फात्मा से दूरभाष के माध्यम से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि हम तो दरभंगा आ गये हैं. आज रविवार है. मुझे पता नहीं था. इसलिए हम यहां आ गये हैं. वहीं इस विषय में अस्पताल प्रबंधक रवि खां ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टर को अनुपस्थित नहीं रहना है. सूचना मिली है. जिसकी जांच की जायेगी. दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जायेगी. वहीं इस विषय में सिविल सर्जन डॉक्टर कात्यायनी कुमार मिश्रा ने बताया कि जानकारी मिली है. जांच कर ऐसे चिकित्सक पर कार्रवाई की जायेगी.
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