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नौंवी से 12वीं तक के हजारों छात्रों को पाठ्यपुस्तक का इंतजार

सत्र शुरू होने के चार माह बाद भी नौवीं व दसवीं कक्षा के छात्रों को किताबें नहीं मिली हैं. किताबों के इंतजार में छात्र अब अपनी कक्षा में किसी तरह पढ़ाई करने को मजबूर हैं.

समस्तीपुर : सत्र शुरू होने के चार माह बाद भी नौवीं व दसवीं कक्षा के छात्रों को किताबें नहीं मिली हैं. किताबों के इंतजार में छात्र अब अपनी कक्षा में किसी तरह पढ़ाई करने को मजबूर हैं. शिक्षकों का कहना है कि बीआरसी में किताबें नहीं भेजी गई है. किताबें नहीं मिलने से जिले के नौवीं-दसवीं के करीब डेढ़ लाख छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. जबकि शिक्षा विभाग ने कहा था कि अप्रैल तक पहली से लेकर 12वीं तक के छात्रों को किताबें मिल जायेंगी. छात्रों का कहना है कि हमलोग किताबों के इंतजार में पुरानी किताबों से पढ़ाई कर रहे हैं. सिलेबस के कई टॉपिक को एड नहीं किया गया है. तीन बार मासिक परीक्षा दे चुके हैं. नई किताबें बाजार में भी नहीं मिल रही है. इस कारण पढ़ाई करने में परेशानी होती है. हाईस्कूल के छात्रों ने बताया कि पुरानी किताबों में जो टॉपिक को जोड़ा नहीं किया गया है. इंटरनेट से सामग्री खोज कर नोट्स तैयार करते हैं. उसमें कई सारे टॉपिक में परेशानी होती है, तो शिक्षकों की मदद से उसे समझते हैं. किताबें मिलती तो हमलोग अच्छे से पढ़ाई करते. वहीं, शिक्षकों ने कहा कि किताबें जल्द मिल जाएगी पर इसकी सूचना नहीं मिली है. जल्द ही जिले की सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत नौंवी से 12वीं तक के छात्रों को नि:शुल्क पुस्तकें मिलेंगी. शैक्षणिक सत्र 2024-25 में नि:शुल्क पुस्तकें उपलब्ध कराने को लेकर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के निदेशक सन्नी सिन्हा ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र भेजी है. निदेशक द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि पाठ्यपुस्तक प्रकाशन निगम लिमिटेड की भंडार कक्ष में वर्ग नौंवी से 12वीं की पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध है. पुस्तकों को वर्ग नौ से 12वीं तक के छात्रों को निःशुल्क वितरित करने का निर्णय लिया गया है. वहीं, जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने स्तर से राज्य पाठ्यपुस्तक प्रकाशन लिमिटेड से पुस्तकों का उठाव कर छात्रों के बीच पुस्तक वितरण कराना सुनिश्चित करें. विदित हो कि इसके पूर्व वर्ग एक से आठ तक में अध्ययनरत छात्रों के बीच निःशुल्क पुस्तकों का वितरण किया गया है. साथ ही, नौवीं से 12वीं तक के छात्रों को भी पुस्तकों का वितरण करने के लिए छात्रों की संख्या के अनुसार पुस्तकों की अधियाचना राज्य को भेजी गई थी. पहली बार नौंवी से 12वीं तक के छात्रों को भी पुस्तकें मिलेगी. जिससे आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को काफी लाभ होगा. नौवीं वर्ग के छात्रों के लिए पूर्व में गणित, हिन्दी, अंग्रेजी, इतिहास की दुनिया, भारत भूमि व लोग, हमारी अर्थव्यवस्था व लोकतांत्रिक राजनीति की पुस्तकों की मांग सरकार से की गई थी. 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए अंग्रेजी, इतिहास, भारत संसाधन व उपयोग, हमारी अर्थव्यवस्था, लोकतांत्रिक राजनीति, गणित व विज्ञान विषय की पुस्तकों की मांग सरकार से की गई थी. 11 वीं विज्ञान संकाय के लिए जिले की सरकारी विद्यालय में अध्ययनरत छात्रों को गणित, जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान भाग एक व दो, भौतिकी भाग एक व दो की पुस्तकों की डिमांड की गई थी. जबकि कॉमर्स संकाय के लिए हिन्दी, भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास, व्यवसाय अध्ययन, लेखा शास्त्र, वित्तीय लेखांकन भाग एक व दो की पुस्तकों की डिमांड की गई थी.

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