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सावधान: 40% नेबुलाइजर बैक्टीरिया की जद में, खतरे में डाल सकते हैं जान

अगर आप या कोई अपना नेबुलाइजर इस्तेमाल कर रहे हैं और उसकी साफ-सफाई के प्रति ध्यान नहीं दे रहे तो जरा संभल जाएं. यह लापरवाही राहत के बदले बड़े खतरे की तरह धकेल सकती है.

आनंद तिवारी, पटना

अगर आप या कोई अपना नेबुलाइजर इस्तेमाल कर रहे हैं और उसकी साफ-सफाई के प्रति ध्यान नहीं दे रहे तो जरा संभल जाएं. यह लापरवाही राहत के बदले बड़े खतरे की तरह धकेल सकती है. कई बार तो जान पर भी भारी पड़ सकती है. नेबुलाइजर की साफ-सफाई व रखरखाव को लेकर नेशनल कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन बिहार चैप्टर के सर्वे की केस स्टडी के नतीजों में यह बात सामने आयी है. करीब 40 प्रतिशत नेबुलाइजर बैक्टीरिया की जद में मिल रहे हैं. वहीं बाकी 30 प्रतिशत मामलों में फंगस व अन्य गंदगी देखने को मिल रही है. बाकी 30 प्रतिशत जागरूक मरीज व परिजन डॉक्टरों के अनुसार तय मानक पर नेबुलाइजर को ठीक रख रहे हैं. घर पर इस्तेमाल करने वाले अधिक लापरवाही बरत रहे हैं.

साफ-सफाई पर ध्यान नहीं देना पड़ रहा भारी : नेशनल कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन की केस स्टडी के अनुसार सांस संबंधित परेशानियों को दूर करने व गति रखने के लिए सबसे बेहतर उपाय नेबुलाइजर है. इसकी साफ-सफाई के लिए प्रति ध्यान नहीं देना व रखरखाव में लापरवाही के कारण नेबुलाइजर खतरनाक फंगस बैक्टीरिया की चपेट में तेजी से आ जाते हैं. नतीजतन राहत मिलने के बदले और ज्यादा खतरनाक स्थिति बनी रहती है. स्टडी में देखा गया कि नेबुलाइजर की सफाई और सही रखरखाव के बारे में उन लोगों को भी जानकारी नहीं है, जो इस उपकरण का लंबे से प्रयोग कर रहे हैं. ऐसे लोगों का ग्राफ काफी है. कम ही लोगों को इस उपकरण की सफाई और रखरखाव की सही जानकारी है और वह इसे फॉलो भी कर रहे हैं. सांसों की सेहत सुधारने वाला उपकरण सफाई न होने के कारण खतरनाक साबित हो रहा है. एक से अधिक बीमार लोगों के इस्तेमाल से यह निमोनिया, सांस नली में संक्रमण का बड़ा कारण दे रहा है. अस्थमा अटैक यानी अचानक सांसों का तेज होना, सांस लेने में तकलीफ, दम फूलने की शिकायत भी मरीजों में मिल रही है. सांसों की सेहत सुधारने वाला उपकरण सफाई न होने के कारण खतरनाक साबित हो रहा है. एक से अधिक बीमार लोगों के इस्तेमाल से यह निमोनिया, सांस नली में संक्रमण का बड़ा कारण दे रहा है. अस्थमा अटैक यानी अचानक सांसों का तेज होना, सांस लेने में तकलीफ, दम फूलने की शिकायत भी मरीजों में मिल रही है. सांसों की सेहत सुधारने वाले नेबुलाइजर के प्रति बड़े स्तर पर लापरवाही देखी जा रही है. जागरुकता बढ़ाने के लिए नेशनल कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन के सदस्य डॉक्टरों ने केस स्टडी तैयार की

डॉ वैभव शंकर, सदस्य ,नेशनल कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन बिहार चैप्टर.

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