वरीय संवाददाता, धनबाद.
कांड्रा ग्रिड की क्षमता बढ़ाने को लेकर सोमवार से काम शुरू होगा. 50-50 एमवीए की जगह 80-80 एमवीए के दो ट्रांसफॉर्मर लगाने के लिए रांची से टेक्निकल टीम पहुंच चुकी है. काम पूरा होने में लगभग दो माह लगेंगे. इस दौरान धनबाद को 35 से 50 मेगावाट बिजली कम मिलेगा. इस कटौती का असर शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में पड़ेगा. हालांकि बिजली आपूर्ति सुचारू रूप से बहाल करने के लिए डीवीसी से अतिरिक्त बिजली मांगी गयी है. बता दें कि शहर के बड़े इलाके में कांड्रा ग्रिड से बिजली लेकर सप्लाई की जाती है. कांड्रा ग्रिड से लगभग 30 से 40 मेगावाट बिजली शहरी क्षेत्र में सप्लाई के लिए मिलती है. वही 10 से 20 मेगावाट बिजली बरवाअड्डा से लेकर टुंडी, निरसा व राजगंज के इलाकों में सप्लाई होती है. ऐसे में सोमवार से इन सभी इलाकों के लोगों को बिजली संकट का सामना करना पड़ेगा.इन सबस्टेशनों से जुड़े उपभोक्ता होंगे प्रभावित :
हीरापुर, धैया, सरायढेला, हाउसिंग कॉलोनी, कुसुम विहार, पॉलिटेक्निक, गोविंदपुर, बरवाअड्डा, निरसा, टुंडी व राजगंज क्षेत्र के विभिन्न सबस्टेशन.दो महीने तक रोटेशन पर होगी बिजली सप्लाई :
एसइ जेयूएसएनएल के अधीक्षण अभियंता आरएल पासवान ने बताया कि कांड्रा ग्रिड में क्षमता बढ़ाने के कार्य को लेकर विभागीय स्तर पर तैयारी पूरी कर ली गयी है. बारी-बारी से ट्रांसफॉर्मरों को इंस्टॉल करने का कार्य किया जायेगा. प्रयास होगा कि कम से कम समय में दोनों ट्रांसफॉर्मरों की कमिशनिंग कर इंस्टॉल करने का कार्य पूरा कर लिया जाये. तब तक दो महीने रोटेशन पर बिजली सप्लाई होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है