24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

संसद में सरकार ने माना कि बंगाल को मनरेगा कोष के लिए ”शून्य” धन दिया गया

तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओब्रायन का दावा

कोलकाता. राज्यसभा के सदस्य व तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन ने रविवार को दावा किया कि भाजपा नीत केंद्र सरकार ने आखिरकार इस बात को माना है कि उसने पश्चिम बंगाल को 100 दिनों की ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत ‘शून्य’ धन दिया है. ब्रायन ने इसके लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) पर सरकार द्वारा राज्यसभा में दिये गये एक सवाल के जवाब का हवाला दिया है. इस दिन ओब्रायन ने सोशल मीडिया के मंच ”एक्स” पर पोस्ट किया : तृणमूल के लोकसभा सदस्य अभिषेक बनर्जी इस योजना पर श्वेत पत्र की मांग कर रहे हैं, ताकि यह साबित हो सके कि केंद्र ने वर्ष 2021 के राज्य विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद पश्चिम बंगाल को क्या भुगतान किया है. आखिरकार! मोदी सरकार ने संसद में माना है कि बंगाल को मनरेगा कोष के लिए ‘शून्य’ धन दिया गया है. उक्त पोस्ट में ही तृणमूल नेता ने संसद के ऊपरी सदन में केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान की ओर से दिये गये लिखित जवाब का हवाला देकर एक रिपोर्ट (जिसकी सत्यता की पुष्टि प्रभात खबर नहीं करता है) साझा की, जिसमें पश्चिम बंगाल में वर्ष 2023-24 में 100 दिनों का रोजगार पूरा करने वाले परिवारों की संख्या शून्य थी. वर्ष 2022-23 में योजना के तहत राज्य में 1,618 परिवारों को 100 दिनों का काम मिला. जबकि 2021-22 में यह संख्या 4,71,136 थी. मंत्रालय ने कहा कि वर्ष 2020-21 में कोरोना की पहली लहर के दौरान यह आंकड़ा 6,78,633 और वर्ष 2019-20 में यह 3,65,683 था.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें