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बीसीसीएल का वित्त वर्ष 2030 तक 40,000 करोड़ रेवेन्यू व 100 मिलियन टन उत्पादन का लक्ष्य : दत्ता

कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) की सहायक कंपनी भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) ने अपनी मूल कंपनी को पहली बार 44.43 करोड़ रुपये का लाभांश दिया.

संवाददाता, कोलकाता

कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) की सहायक कंपनी भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) ने अपनी मूल कंपनी को पहली बार 44.43 करोड़ रुपये का लाभांश दिया. बीसीसीएल ने अपने संचित घाटे को खत्म करने और वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 1,564 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज करने के बाद यह उपलब्धि हासिल की है. पिछले वित्त वर्ष में कंपनी की शुद्ध बिक्री 13,216.17 करोड़ रुपये रही.

बीसीसीएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक समीरन दत्ता ने एक समारोह में औपचारिक रूप से सीआइएल के चेयरमैन पी एम प्रसाद को लाभांश सौंपा. बीसीसीएल की 53वीं वार्षिक आम बैठक में एक अगस्त को लाभांश भुगतान को मंजूरी दी गयी थी. रविवार को प्रेस कांफ्रेंस में बीसीसीएल के चेयरमैन सह प्रबंध निदेशक समीरन दत्ता ने बीसीसीएल से सीआइएल को पहली बार लाभांश भुगतान, कंपनी के प्रदर्शन, भविष्य के विकास लक्ष्यों, नयी पहलों, विविधीकरण में प्रवेश और रुचि के अन्य क्षेत्रों पर केंद्रित विषयों पर अपने विचार रखे.

श्री दत्ता ने कहा कि भारत कोकिंग कोल का वित्त वर्ष 2030 तक 40,000 करोड़ रुपये रेवेन्यू और 100 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य है. कंपनी पिछले वित्त वर्ष के लगभग 41.1 मिलियन टन कोयला उत्पादन को वित्त वर्ष 2030 तक लगभग 100 मिलियन टन तक बढ़ाने की योजना बनायी है. पिछले वित्त वर्ष में कंपनी की शुद्ध बिक्री 13,216.17 करोड़ रुपये रही. वित्त वर्ष 2030 तक 40,000 करोड़ रुपये के रेवेन्यू हासिल करने का लक्ष्य है, जो कोयले की बिक्री में वृद्धि और विविधीकरण पहलों से संभव है.

कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष 2024 में 41.1 मिलियन टन कच्चे कोयले का उत्पादन किया. चालू वित्त वर्ष में इसका करीब 45 मिलियन टन उत्पादन करने का लक्ष्य है जबकि वित्त वर्ष 2030 तक कंपनी का लक्ष्य 100 मिलियन टन उत्पादन करने का है. कंपनी बड़े कोयला ब्लॉकों के विकास पर काम कर रही है. साथ ही कंपनी वित्त वर्ष 2030 तक करीब 3,000 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बना रही है. कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 में लगभग 1.5 मिलियन टन धुले हुए कोयले का उत्पादन किया, जो वित्त वर्ष 2025 में धुले हुए कोयले का उत्पादन बढ़ाकर 2.5 मिलियन टन करने की योजना बना रही है.

कंपनी के कोयला उत्पादन में कोकिंग कोयले का योगदान सबसे ज्यादा है. कंपनी कोल बेड मीथेन (सीबीएम) और सौर ऊर्जा उत्पादन में विविधता ला रही है. श्री दत्ता ने कहा कि झरिया सीबीएम ब्लॉक-वन का विकास किया जा रहा है, जिसमें अगले 25 वर्षों में 26 बिलियन क्यूबिक मीटर गैस भंडार निकाले जाने का अनुमान है. लगभग 45 मेगावाट की ग्राउंड-माउंटेड सौर परियोजनाएं भी स्थापित की जा रही है.

श्री दत्ता ने कंपनी के मजबूत वित्तीय प्रदर्शन और रणनीतिक प्रगति का श्रेय हाल के वर्षों में 15 प्रतिशत की लगातार वृद्धि दर को दिया है. श्री दत्ता ने इस बात पर जोर दिया कि यह वृद्धि प्रभावी प्रबंधन प्रथाओं, परिचालन दक्षताओं और लाभप्रदता और स्थिरता पर रणनीतिक ध्यान केंद्रित करने का परिणाम रहा. यह लाभांश बीसीसीएल के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और यह कंपनी के संचित घाटे से लाभप्रदता की ओर सफल बदलाव को दर्शाता है. प्रेस कांफ्रेंस के दौरान श्री दत्ता के अलावा निदेशक (कार्मिक) मुरली कृष्ण रमैया, निदेशक (वित्त) आर. के. सहाय समेत अन्य उपस्थित थे.

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