Potato Price: यदि आप सब्जी खरीदने बाजार जाएंगे और आलू की कीमत पूछेंगे तो, आपका सिर चकरा जाएगा. इन दिनों 20-25 रुपये बिकने वाला आलू 40-50 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. दरअसल, पश्चिम बंगाल ने पड़ोसी राज्यों यानी ओडिशा, असम और झारखंड तक भेजे जाने वाले आलू के खेपों पर वर्तमान में प्रतिबंध लगा रखा है. रोक पिछले करीब एक पखवाड़े से है.
पश्चिम बंगाल की ममता सरकार का कहना है कि ये कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि पश्चिम बंगाल और खासतौर पर राजधानी कोलकाता में आलू की कीमत आम आदमी की पहुंच से दूर होती जा रही है. यही वजह है कि यह फैसला सरकार को करना पड़ा है. इस मौसम में अमूमन आलू की कीमत 20 रुपये प्रति किलो होनी चाहिए, लेकिन अचानक इसके भाव में इतना उछाल आया कि ये 50 रुपये प्रति किलो तक बिकने लगा है.
ममता सरकार के फैसले का असर असम और छत्तीसगढ़ में भी
प्रदेश की ममता सरकार के फैसले के बाद जो ट्रक आलू की खेप लेकर ओडिशा, असम और झारखंड जा रहे थे उन्हें राज्य की सीमाओं पर ही रोक दिया गया. इससे व्यापारी चिंतित हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि आलू इस बारिश में सीमा पर ही सड़ जाएगा. इससे उनको नुकसान हो जाएगा. पश्चिम बंगाल की सरकार के इस फैसले से झारखंड खासतौर पर ओडिशा जैसे प्रदेशों में आलू की कीमतों में बहुत अधिक उछाल देखने को मिल रहा है. फैसले का असर असम और छत्तीसगढ़ में भी नजर आ रहा है.
कब कम होगी आलू की कीमत?
भारत में आलू के उत्पादन के मामले में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर आता है. पूरे देश में आलू के उत्पादन का 30 प्रतिशत यहीं होता है. वहीं, पश्चिम बंगाल 22.97 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर है. पश्चिम बंगाल के कृषि मंत्री बैचाराम मानना ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार ने आलू को राज्य से बाहर भेजने पर रोक केवल इसलिए लगाई क्योंकि यहां इसके दाम आसमान को छूने लगे थे. उन्होंने आश्वासन दिया है कि स्थानीय बाजार में आलू के दाम नियंत्रित होते ही इसे दूसरे राज्यों में भेजने और बेचने की अनुमति दे दी जाएगी.
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उम्मीद है कि बंगाल सरकार के फैसला वापस लेने के बाद आलू की कीमत कम होगी. इसके बाद लोगों को कुछ सस्ते में आलू मिलने लगेगा.