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Mutual Funds कंपनियों पर चला सेबी का हथौड़ा, नियमों में कर दिया बड़ा बदलाव

Mutual Funds: इनसाइडर ट्रेडिंग का इस्तेमाल शेयर बाजार में किया जाता है. इसे भेदिया कारोबार या अतरंगी लेन-देन भी कहा जाता है. फ्रंट-रनिंग एक ब्रोकर की ओर से शेयर या किसी दूसरी फाइनेंशियल एसेट्स से संबंधित ट्रेड है.

Mutual Funds: म्यूचुअल फंड पर बाजार विनियामक भारतीय प्रतिभूति एंव विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बड़ा हथौड़ा चला दिया है. उसने प्रतिभूतियों में फ्रंट रनिंग और इनसाइडर ट्रेडिंग (भेदिया कारोबार) पर रोक लगाने के लिए म्यूचुअल फंड नियमों में संशोधन कर बड़ा बदलाव किया है. सेबी की ओर से नियमों में बदलाव किए जाने के बाद अब एसेट्स मैनेजमेंट कंपनियां (एएमसी) किसी भी प्रतिभूति (सिक्योरिटी) में फ्रंट रनिंग और इनसाइडर ट्रेड नहीं कर सकेंगी. सेबी की ओर से यह कदम एक्सिस एएमसी और एलआईसी से जुड़े फ्रंट रनिंग मामले के बाद उठाया गया है.

एएमसी को स्थापित करना होगा व्हिसल ब्लोअर सिस्टम

मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, सेबी ने फ्रंट रनिंग और इनसाइडर ट्रेडिंग को रोकने और उसकी पहचान करने के लिए नियमों में संशोधन किया है. सेबी ने कहा है कि एएमसी कंपनियों को फ्रंट रनिंग और इनसाइडर ट्रेडिंग को रोकने और उसकी पहचान करने के लिए इंस्टीट्यूशनल सिस्टम स्थापित करना होगा. इसके अलावा, एएमसी का मैनेजमेंट इंस्टीट्यूशनल सिस्टम का स्किल तय करने के लिए जिम्मेदार होगा. बाजार विनियामक ने एएमसी से कहा है कि उन्हें व्हिसल ब्लोअर सिस्टम स्थापित करना होगा.

इंस्टीट्यूशनल सिस्टम के क्रियान्वयन के लिए सीईओ और एमडी जिम्मेदार

सेबी की ओर से 1 अगस्त 2024 को जारी की गई नोटिफिकेशन में कहा गया है कि एएमसी बाजार विनियामक की ओर से दिए गए निर्देश के आधार पर फ्रंट रनिंग और इनसाइडर ट्रेडिंग को रोकने के लिए इंस्टीट्यूशनल सिस्टम स्थापित करेंगी. सेबी की नोटिफिकेशन में कहा गया है कि इंस्टीट्यूशनल सिस्टम के क्रियान्वयन के लिए एएमसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ), प्रबंध निदेशक (एमडी) या इन दोनों अधिकारियों के समकक्ष पद का कोई दूसरा अधिकारी जिम्मेदार होगा.

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फ्रंट रनिंग क्या है?

फ्रंट-रनिंग एक ब्रोकर की ओर से शेयर या किसी दूसरी फाइनेंशियल एसेट्स से संबंधित ट्रेड है. इस प्रकार के ट्रेड में भविष्य के लेनदेन के बारे में अंदरूनी जानकारी होती है. यह ऐसा ट्रेड होता है, जो उस लेनदेन की कीमत को काफी हद तक प्रभावित करता है.

इनसाइडर ट्रेडिंग क्या है?

इनसाइडर ट्रेडिंग का इस्तेमाल शेयर बाजार में किया जाता है. इसे भेदिया कारोबार या अतरंगी लेन-देन भी कहा जाता है. कंपनी के अंदर की जानकारी का लाभ उठाकर गैर-कानूनी तरीके से शेयर बेचकर या खरीदकर लाभ कमाना इनसाइडर ट्रेनिंग कहलाता है. किसी कंपनी के मैनेजमेंट से जुड़ा हुआ व्यक्ति कंपनी की अंदरूनी जानकारी के आधार पर शेयर खरीद या बेच कर फायदा उठाता है, तो उसे इनसाइडर ट्रेडिंग की कैटेगरी में रखा जाता है.

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Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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